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न्यूज़ क्रेडिट: अमरउजाला
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काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में पीजी के बाद सीधे पीएचडी करने पर मिलने वाली एनी बेसेंट फेलोशिप में आरक्षण का पालन न करने का आरोप लगाकर धरना देने वाले छात्रों ने कुलसचिव से बातचीत के बाद शनिवार शाम को अपना धरना समाप्त कर दिया।
कुलसचिव से बातचीत के दौरान छात्रों ने तत्काल प्रभाव से फेलोशिप की प्रक्रिया पर रोक लगाने, आरक्षण का पालन करने के लिए गठित समिति में प्रतिनिधित्व दिए जाने सहित अन्य मांगे रखी। केंद्रीय कार्यालय पर धरनारत छात्रों ने बताया कि कुलसचिव ने न केवल फेलोशिप की प्रक्रिया पर रोक लगाने का आदेश जारी करने का आश्वासन दिया, बल्कि अन्य मांगों पर भी नियमानुसार कार्रवाई का आश्वासन भी दिया है।
विश्वविद्यालय में गुरुवार से ही केंद्रीय कार्यालय पर छात्र फेलोशिप के विरोध में धरने पर बैठे थे। उनका कहना था कि इसमें आरक्षण के नियमों का पालन नहीं किया गया है। इसको लेकर केंद्रीय कार्यालय में कुलपति कार्यालय के सामने छात्रों का धरना चल रहा था। इसमें सात सूत्रीय मांग पत्र जो छात्रों की ओर से सौंपा गया है, उसमें छह सदस्यीय समिति में पांच छात्र, एक प्रोफेसर के नाम की सूची भी दी गई है।
बीएचयू छात्रावास में मारपीट मामले में दो छात्र निलंबित
बीएचयू के सरदार बल्लभ भाई पटेल छात्रावास में पिछले साल दो दिसंबर 2021 की रात में हुई मारपीट की घटना के मामले में दो छात्रों को निलंबित कर दिया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने घटना के लिए गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद यह कार्रवाई की है। इसका आदेश भी जारी कर दिया गया है।
जांच के बाद एमए सोशल वर्क द्वितीय वर्ष के छात्र लक्ष्मी नारायण शर्मा, एमए इतिहास द्वितीय वर्ष सत्यम राय को निलंबित किया गया है। दोनों छात्रों को विश्वविद्यालय में मिलने वाली छात्रावास सहित अन्य सुविधाओं से भी वंचित कर दिया गया है।
बीत गए 15 दिन नहीं हुई कार्रवाई, बीएचयू प्रशासन के फैसले का इंतजार
आईएमएस बीएचयू के स्त्री रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ. उमा पांडेय की ओर से चलाए जा रहे एक प्रोजेक्ट से जुड़ा डेटा अंतरराष्ट्रीय जर्नल में बिना नोडल आफिसर को जानकारी के देने की शिकायत के मामले में अब बीएचयू प्रशासन के फैसले का इंतजार है। डॉ. पांडेय ने पिछले महीने 30 जुलाई को ही इसकी शिकायत कुलपति से की थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है।
Kajal Dubey
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