उत्तर प्रदेश

अपनी ही जुड़वा बहन से खिताब छीनकर अब इंटरमीडिएट परीक्षा में 'उप्र टॉपर' बनी फतेहपुर की दिव्या

Admin4
21 Oct 2022 8:32 AM GMT
अपनी ही जुड़वा बहन से खिताब छीनकर अब इंटरमीडिएट परीक्षा में उप्र टॉपर बनी फतेहपुर की दिव्या
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फतेहपुर जिले की दिव्यांशी ने अपनी ही बहन का खिताब अपने नाम कर उत्‍तर प्रदेश टाॅपर बन गई है। दरअसल, उत्‍तर प्रदेश माध्‍यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा में प्रदेश में पहला स्‍थान प्राप्‍त करने वाली फतेहपुर जिले की दिव्यांशी से उसकी जुड़वा बहन दिव्या ने यह खिताब छीनकर अब अपने नाम दर्ज करा लिया है। शिक्षा विभाग की एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
फतेहपुर की जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) देवकी सिंह ने शुक्रवार को बताया कि उत्‍तर प्रदेश इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा में जय मां सरस्वती ज्ञान मंदिर इंटर कॉलेज, राधानगर की छात्रा दिव्यांशी ने 500 में 477 अंक पाकर राज्य में पहला स्थान हासिल किया था, लेकिन अब इसी विद्यालय की छात्रा और उसकी जुड़वा बहन दिव्या को यह स्थान मिल गया। दिव्यांशी अब प्रदेश में दूसरे नंबर पर हो गयी है। 18 जून को घोषित बोर्ड परीक्षा परिणाम में करीब 22 लाख परीक्षार्थियों के बीच दिव्यांशी ने यह मुकाम हासिल किया।
उन्‍होंने बताया कि दरअसल, अंकपत्र में दर्ज हिंदी विषय के नंबरों से असंतुष्ट दिव्या ने फिर से पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया था। पुनर्मूल्यांकन में दिव्या के हिंदी में और 38 नंबर बढ़ने से अब वह टॉपर रहीं अपनी जुड़वां बहन दिव्यांशी से दो अंक आगे पहुंच गईं।
देवकी सिंह ने बताया कि अब उत्तर प्रदेश टॉपर सूची में पहला और दूसरा स्थान जय मां सरस्वती ज्ञान मंदिर इंटर कॉलेज, राधानगर के हिस्से में आ गया है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा में दिव्यांशी ने 500 में 477 अंक पाकर राज्य में टॉपर होने का खिताब हासिल किया था। हालांकि दिव्यांशी की जुड़वां बहन दिव्या को हिंदी के अलावा अन्य सभी विषयों में दिव्यांशी से अच्छे नंबर मिले थे। हिंदी में उसे सिर्फ 56 अंक मिलने से उसे मेधा सूची में स्थान नहीं मिला था। ऐसे में दिव्या ने पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया था। सिंह ने कहा कि पुनर्मूल्यांकन में हिंदी विषय में उसके नंबर बढ़कर 94 हो जाने से दिव्या इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा में टॉपर घोषित हो गईं।
डीआईओएस ने बताया कि अब दिव्या के प्राप्तांकों का योग दिव्यांशी के 477 की तुलना 479 पहुंच गया है। बोर्ड ने संशोधित नंबर बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड कराते हुए दूसरा अंकपत्र जारी किया है।
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