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उत्तर प्रदेश
अयोध्या के बाद यूपी में भी बनेगा कल्कि धाम, PM मोदी ने किया शिलान्यास, जाने कौन हैं कल्कि भगवान
Bharti Sahu 2
20 Feb 2024 10:33 AM GMT
![अयोध्या के बाद यूपी में भी बनेगा कल्कि धाम, PM मोदी ने किया शिलान्यास, जाने कौन हैं कल्कि भगवान अयोध्या के बाद यूपी में भी बनेगा कल्कि धाम, PM मोदी ने किया शिलान्यास, जाने कौन हैं कल्कि भगवान](https://jantaserishta.com/h-upload/2024/02/20/3550781-17.webp)
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उत्तर प्रदेश: पउत्तर प्रदेश में अयोध्या धाम के बाद अब संभल में कल्कि धाम बनने जा रहा है। ये मंदिर विष्णु जी के 10वें अवतार भगवान कल्कि को समर्पित होगा। यह मंदिर दुनिया भर में अनोखा है क्योंकि जिस अवतार के लिए मंदिर बन रहा है अभी वह प्रकट ही नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्ण महामंडलेश्वरों की मौजूदगी में कल्कि धाम की आधार शिला (Kalki Dham Foundation) रखी गई। कल्कि धाम मंदिर में भगवान विष्णु के 10 अवतारों के लिए अलग-अलग 10 गर्भगृह होंगे।
5 एकड़ में बनने जा रहा ये मंदिर 5 साल में तैयार होगा
मंदिर में 68 तीर्थों की स्थापना होगी। 5 एकड़ में बनने जा रहा ये मंदिर 5 साल में तैयार होगा। कल्कि धाम में भी अयोध्या मंदिर की तरह गुलाबी पत्थरों का इस्तेमाल होगा। खास बात ये है कि इस मंदिर में भी स्टील और लोहे का उपयोग नहीं किया जाएगा। मंदिर 11 फीट ऊंचे चबूतरे पर होगा, शिखर की ऊंचाई 108 फीट होगी। श्रीविष्णु के दसवें अवतार होंगे
मंदिर के मुख्य गर्भगृह भगवान श्रीकल्कि का होगा। इसके प्रांगण में 68 तीर्थ स्थापित होंगे। कल्कि धाम मंदिर में न तो सीमेंट का इस्तेमाल होगा और न ही सरिया का। यह पांच साल में बनकर तैयार होगा। आचार्य प्रमोद कृष्णम कहते हैं कि वह भगवान श्रीविष्णु के दसवें अवतार होंगे।
श्रीकल्कि के अवतरण की गाथा
श्रीकल्कि के अवतरण की गाथा तो हजारों साल पहले धार्मिक ग्रंथों में आ चुकी है। जगह के रूप में संबल ग्रामस्य का भी उल्लेख है। हालांकि यह जगह कहां हो सकती है, यह बाद का विषय है। कल्कि पुराण, हिंदुओं के विभिन्न धार्मिक एवं पौराणिक ग्रंथों में से एक है।
कल्कि जन्म से ही 64 कलाओं से युक्त होंगे
यह एक उपपुराण है। इसमें भगवान विष्णु के दसवें तथा अंतिम अवतार की भविष्यवाणी की गई है। कहा गया है कि विष्णु का अगला अवतार (महाअवतार) कल्कि अवतार होगा। कल्कि जन्म से ही 64 कलाओं से युक्त होंगे। स्पष्ट है कि उनके जन्म के समय सभी ग्रह उच्च अवस्था में या मूल त्रिकोण में होंगे।
सतयुग का प्रारंभ होगा
वैष्णव ब्रह्मांड विज्ञान के अनुसार अंतहीन चक्र वाले चार कालों में से अंतिम, यानी कलयुग के अंत में भगवान विष्णु के दसवें अवतार भगवान कल्कि देवदत्त नाम के घोड़े पर आरूढ़ होकर तलवार से दुष्टों का संहार करेंगे, इसके बाद सतयुग का प्रारंभ होगा।
सतयुग की स्थापना करेंगे
वहीं, धर्म ग्रंथों में भी जिक्र है कि कलयुग में भगवान विष्णु कल्कि रूप में अवतार लेंगे। कल्कि अवतार कलयुग व सतयुग के संधिकाल में होगा। पुराण कथाओं के अनुसार कलयुग में पाप की सीमा पार होने पर विश्व में दुष्टों के संहार के लिये कल्कि अवतार प्रकट होगा।श्रीमद्भागवत पुराण और भविष्य पुराण में कलयुग के अंत का वर्णन मिलता है। कलयुग में भगवान कल्कि का अवतार होगा, जो पापियों का संहार करके फिर से सतयुग की स्थापना करेंगे। शम्भल ग्राम मुख्यस्य ब्राह्मणस्य महात्मनः। भवने विष्णुयशसः कल्किः प्रादुर्भविष्यति॥
श्रीमद्भागवत गीता के 12वें स्कंद में भी भगवान विष्णु के कल्कि अवतार का वर्णन है। शास्त्रों के अनुसार जब कलियुग अपने चरम पर होगा, ऐसे में कलयुग के आखिर में भगवान विष्णु कल्कि के तौर पर अवतार लेंगे। वह सफेद घोड़े पर सवार होंगे और 64 कलाओं से युक्त होंगे।
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