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मेरठ: सरकारी जमीन पर कब्जा कर बेचने के मामले में तहसील प्रशासन दो दिन से जमीन की पैमाइश कर रहा हैं। भगवती कॉलोनी की जमीन की पैमाइश प्रशासन ने कराई हैं। इसमें साढ़े सात हजार वर्ग मीटर जमीन की पैमाइश की गई, जिसमें सरकारी जमीन तो नहीं मिली, लेकिन इस जमीन का बैनामा बिल्डर अखिलेश गोयल से प्रशासन ने मांगा हैं। कहा गया था इस जमीन में सरकारी जमीन थी, जिस पर कब्जा कर बेच दी गई हैं। इसको लेकर दो दिन से तहसील प्रशासन की एक टीम जमीन की पैमाइश कर रही थी।
दो बार जमीन की पैमाइश कराई गयी। हालांकि अभी प्रशासनिक स्तर से इसमें कोई रिपोर्ट तैयार नहीं की हैं। इससे संबंधित दस्तावेज प्रशासन खंगाल रहा हैं। भगवती कॉलोनी में सरकारी जमीन के आरोपों की जांच चल रही हैं, जिसमें प्रशासन को बार-बार पैमाइश करने के बाद अभी कोई अधिकृत बयान जारी नहीं किया हैं। हाल ही में एडीजी राजीव सभरवाल के आदेश पर अखिलेश गोयल समेत कई लोगों के खिलाफ सरकारी जमीन पर कब्जा कर बेचने का मुकदमा कंकरखेड़ा थाने में दर्ज कराया गया हैं। इसकी पुलिस ने प्रशासन से जमीन की पैमाइश कर जांच रिपोर्ट मांगी हैं।
क्योंकि पुलिस विवेचना में भी इस जांच रिपोर्ट को लगाया जाएगा। उधर, अखिलेश गोयल का कहना है कि कोई षडयंत्र उनके खिलाफ चल रहा हैं। जमीन की पैमाइश तहसील प्रशासन ने कर ली हैं, लेकिन इसके बावजूद उसे फंसाने के लिए कुछ लोग लगे हुए हैं। इसके अलावा वक्फ बोर्ड की जमीन पर कौन कब्जा करना चाहता था? इसकी विवेचना भी पुलिस करेगी। इसमें अशोक मारवाड़ी के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराई गयी हैं, उनकी जांच भी सरकारी जमीन कब्जाकर बेचने की पुलिस कर रही हैं।
वक्फ बोर्ड की जमीन कई करोड़ की हैं। ड्रिम सिटी से सटकर वक्फ बोर्ड की जमीन हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कह चुके है कि वक्फ बोर्ड की जमीन को अब कोई नहीं बेच पाएगा। नगर निगम इस जमीन का मालिक होगा। पूरे प्रदेश में वक्फ की जमीन को लेकर शासन सतर्क हो गया हैं। सैंट्रल बैंक सोसायटी की जमीन किसने बेची? इसकी जांच भी तहसील प्रशासन कर रहा हैं। उसमें भी जमीन बेचने वालों पर शिकंजा कसा जाएगा। इसकी जांच पुलिस भी कर रही हैं। हालांकि सोसायटी की तरफ से कई बार इसकी शिकायत की गई, मगर इसमें प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। अब प्रशासन इसको लेकर भी हरकत में आ गया हैं।