उत्तर प्रदेश

प्रशासन ने किसानों को तीन करोड़ की दी राहत

Admindelhi1
18 March 2024 4:48 AM GMT
प्रशासन ने किसानों को तीन करोड़ की दी राहत
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ओलावृष्टि और आंधी की वजह से तैयार फसल बुरी तरह प्रभावित हुई

कानपूर: बीते दिनों जनपद में असमय बारिश, ओलावृष्टि और आंधी की वजह से 5 ग्राम पंचायतों में 204.37 हेक्टेयर क्षेत्रफल में तैयार फसल बुरी तरह प्रभावित हुई. प्रशासन की इस रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए नुकसान की भरपाई के लिए शासन ने तीन करोड़ रुपये तत्काल जारी कर दिए. जिसे किसानों के बैंक खातों में भेजने की कार्रवाई अमल में लाई जा रही है.

बीते दिनों जनपद में प्राकृति ने अपना रौद्र रूप दिखाया था. तेज आंधी के साथ जबरदस्त बारिश और फिर दूसरे दिन ओलावृष्टि के बाद बरसात ने किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाया था. जनपद स्थित तमाम ग्रामीण स्थानों पर खेतों में सूखने के लिए छोटे गए मटर व मसूर के ढेर इधर, उधर उड़ गए. जो नहीं उड़े वह बारिश के पानी से गीले हो गए. ओलावृष्टि में इनकी फलियां चटक गई और दाने खेत में बिखर गए. गेहूं को भी नुकसान हुआ. कई जगह गेहूं की फसल बिछ गई. किसानों ने नुकसान की भरपाई के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को शिकायती पत्र सौंपे. इस क्रम में प्रशासनिक अमला सक्रिय हो गया. कषि, राजस्व व बीमा कंपनी की टीमें सर्वेक्षण में लगा दी गयीं. इस बीच मुख्यमंत्री ने भी किसानों को राहत पहुंचाने के निर्देश दिए. सर्वे में तेजी आई और फिर शासन को भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक जनपद स्थित पाली तहसील के 17 गांवों में 6.2 हेक्टेयर भूमि पर तैयार 345 किसानों की फसल को खासा नुकसान पहुंचा. तालबेहट तहसील अन्तर्गत 24 ग्रामों में 3 हेक्टेयर भूमि पर चना, मटर, मसूर की पक चुकी 1,517 कृषकों की फसल को क्षति पहुंची.

सदर तहसील स्थित 16 ग्रामों में 27.46 हेक्टेयर भूमि पर 1,52 किसानों की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई. वहीं महरौनी तहसील अन्तर्गत 2 ग्रामों में बारिश ने फसलों की जमकर खबर ली. यहां 755 हेक्टेयर में 755 कृषकों की गेहूं, चना, मटर, मसूर आदि फसल खराब हो गयी थी. इस तरह कुल 4,5 कृषकों की 2,04.37 हेक्टेयर फसल को नुकसान पहुंचा. जिसकी भरपाई के लिए शासन ने तीन करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं. मड़ावरा में फसलों को कोई क्षति नहीं पहुंची इसलिए उक्त तहसील को छोड़कर अन्य स्थलों को धनराशि जारी कर दा जाएगी.

किसान प्रपत्रों की फीडिंग में जुटा कृषि विभाग प्राकृतिक आपदा से पीड़ित कृषकों का नाम, उनका पता, बैंक खाता संख्या, फसल का प्रकार, नुकसान का प्रतिशत आदि फीड करने का काम तहसीलस्तर पर चल रहा है. फीडिंग होने के बाद कृषकों के बैंक खातों में धनराशि भेजी जाएगी. अधिकारियों ने फीडिंग में गड़बड़ी नहीं होने के निर्देश दिए हैं.

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