उत्तर प्रदेश

ADG बोले- 'नियमों के हिसाब से चल रहे बुलडोजर, हिंसा में अब तक 300 से अधिक गिरफ्तारी

Admin4
12 Jun 2022 12:19 PM GMT
ADG बोले- नियमों के हिसाब से चल रहे बुलडोजर, हिंसा में अब तक 300 से अधिक गिरफ्तारी
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ADG बोले- 'नियमों के हिसाब से चल रहे बुलडोजर, हिंसा में अब तक 300 से अधिक गिरफ्तारी

उत्तर प्रदेश कई शहरों में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा के सिलसिलें में पुलिस ने 300 से ज्यादा उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है. उत्तर प्रदेश के एडीजी (कानून व व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि भीड़ हिंसक हो गई थी, जिसमें पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे. 10 तारीख की घटना के संदर्भ में अब तक 306 लोगों की गिरफ़्तारी की गई है. उस दौरान लगभग 13 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे, जिनका इलाज किया जा रहा है. आज पूरे प्रदेश में स्थिति शांतिपूर्ण बनी हुई है. ADG प्रशांत कुमार ने कहा कि सोशल मीडिया पर जो लगातार हेट स्पीच और आपत्तिजनक पोस्ट कर रहे हैं, उसपर हम लगातार नज़र बनाए हुए हैं. ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ FIR दर्ज़ की जा रही है और उनकी गिरफ़्तारी भी की जा रही है.

उन्होंने कहा कि प्रयागराज में बुलडोजर की कार्रवाई क़ानून के नियमों को ध्यान में रखकर की जा रही हैं. वहां पुलिस की तैनाती बड़ी संख्या में इसलिए कर रखी है, क्योंकि पिछले शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद वहां काफी लोग उपद्रव करने लगे थे. प्रशांत कुमार ने कहा, 'राज्य के आठ जिलों से 304 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और नौ जिलों में इस संबंध में 13 मामले दर्ज किए गए हैं
उन्होंने कहा कि प्रयागराज में 91, सहारनपुर में 71, हाथरस में 51, अंबेडकर नगर और मुरादाबाद में 34-34, फिरोजाबाद में 15, अलीगढ़ में छह और जालौन में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 13 मामलों में से प्रयागराज और सहारनपुर में तीन-तीन और फिरोजाबाद, अंबेडकर नगर, मुरादाबाद, हाथरस, अलीगढ़, लखीमपुर खीरी और जालौन में एक-एक मामला दर्ज किया गया है.
इससे पहले शनिवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए कहा था कि पिछले कुछ दिनों में विभिन्न शहरों में माहौल खराब करने के अराजक प्रयासों में शामिल असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.' उन्होंने कहा, 'सभ्य समाज में ऐसे असामाजिक लोगों के लिए कोई जगह नहीं है. किसी भी निर्दोष को परेशान नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन एक भी दोषी को बख्शा नहीं जाना चाहिए.'
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