उत्तर प्रदेश

बीएनएम हॉस्टल खुलवाने की मांग पर अड़े छात्रों ने हास्टल के कमरों का ताला तोडा

Admin Delhi 1
25 Nov 2022 9:08 AM GMT
बीएनएम हॉस्टल खुलवाने की मांग पर अड़े छात्रों ने हास्टल के कमरों का ताला तोडा
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मेरठ न्यूज़: वेस्ट यूपी के सबसे बड़े मेरठ कॉलेज में बीएनएम हॉस्टल खुलवाने की मांग पर अड़े छात्रों ने हास्टल के कमरों का ताला तोड़ दिया। छात्रों को अब भाकियू नेता राकेश टिकैत का भी समर्थन मिल गया है। बृहस्पतिवार देर रात भाकियू नेता छात्रों के बीच आंदोलन में पहुंचे। छात्रों की मांगों को सुना। राकेश टिकैत ने कहा कि ये छात्र हॉस्टल में न रहें तो कहां जाएं। उन्होंने कहा कि गांव की जमीन को बिकने नही दी जाएगी। मेरठ कॉलेज का बीएनएम हॉस्टल लंबे समय से बंद है। छात्र लगातार हॉस्टल खोलने की मांग कर रहे हैं, लेकिन कॉलेज प्रशासन हॉस्टल नहीं खोल रहा। इसलिए छात्र यहां धरना दे रहे हैं। इसी धरने में राकेश टिकैत भी पहुंचे। हॉस्टल खुलवाने के लिए छात्र भीख तक मांग रहे हैं। पिछले 3 सालों से बंद पड़े दोनों हॉस्टलों की मरम्मत कराने के लिए जब कॉलेज प्रशासन ने नहीं सुनी तो छात्रों ने भीख मांग कर पैसा एकत्र किया और प्राचार्य को सौंप दिया कि हास्टल को बना दिया जाए। गुरुवार को छात्रों ने कालेज के गेट पर धरना देना शुरु कर दिया।

इस बीच कुछ छात्रों ने हास्टल के कमरों को ईट मार कर तोड़ना शुरु कर दिया। इससे हड़कंप मच गया। लालकुर्ती और सिविल लाइन थाने की पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। देर शाम आंदोलन कर रहे छात्रों के बीच पहुंचे भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हॉस्टल को बिकने नहीं देंगे। खरीदने वाले सोच-समझकर निर्णय लें, यह गांव की प्रॉपर्टी है और गांव की ही रहेगी। भारतीय किसान यूनियन छात्रों के साथ है, उनके साथ किसी प्रकार की नाइंसाफी नहीं होने दी जाएगी। हॉस्टल इसलिए बनाए जाते हैं ताकि गांव के ऐसे बच्चे शहर में रहकर अपनी पढ़ाई कर सकें, जिनके पास शहर में मकान नहीं है। लोगों ने दान देकर स्कूल कालेज और हॉस्टल आदि बनवाए हैं। यह बिकने नहीं दिए जाएंगे। गांव के लोग, किसान और अभिभावकों से इस पर नजर रखने का आह्वान भी उन्होंने किया। यह ऐसी सरकार आई है, जो सब कुछ बेचने पर आमादा है। हर राज्य की राजधानी में कार्यक्रम हैं, जिनमें राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिए जाएंगे। इसी तरह संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े नेता हर राज्य में ज्ञापन देंगे।

भारत सरकार और राज्य स्तर की समस्याओं को लेकर अलग-अलग दो ज्ञापन दिए जाएंगे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार ने कोई वादा पूरा नहीं किया। आठ दिसंबर को एसकेएम की मीटिंग में भी इन मुद्दों पर चर्चा करके आगे की रणनीति बनाई जाएगी। देश भर में एसकेएम के लोग जाकर बैठकें कर रहे हैं। सरकार के कामकाज के बारे में भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार न कानून को मान रही है, न चुनाव आयोग को मान रही है। इन लोगों ने कब्जा कर लिया है। इनको किसानों की ओर से बराबर पत्र लिखे जा रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हो सकी है। सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ स्वयं रणनीति बनती जा रही है। छात्र लड़ाई लड़ेंगे, अग्निवीर एक दिन क्रांतिवीर बनकर आएंगे, बेरोजगार आएंगे, दुकानदार आएंगे, रेहड़ी ठेले वाले आएंगे। यह सब बर्बाद होकर एक साथ आएंगे।

उन्होंने कहा कि कोई तो चाहता है कि उसका देश अमीर हो, लेकिन ये ऐसे तानाशाह हैं, जनता गरीब हो। उन्होंने अपनी शैली में कहा कि झूठिस्तान का बादशाह पूरी दुनिया में एक ही है, इसे ज्यादा क्लियर कराने की जरूरत नहीं है। मिल चलने लगे, भुगतान नहीं हुआ। ये जमीनें फ्री में लेंगे, और सबको बर्बाद करेंगे।

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