उत्तर प्रदेश

हत्या की विवेचना में लापरवाही पर होगी दरोगा पर कार्रवाई

Kajal Dubey
9 Aug 2022 3:22 PM GMT
हत्या की विवेचना में लापरवाही पर होगी दरोगा पर कार्रवाई
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अंबेडकरनगर। किशोर की हत्या में नामजद किए गए तीन आरोपियों को अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वितीय कमलेश कुमार मौर्य ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। इसके साथ ही प्रकरण की विवेचना में घोर लापरवाही बरतने पर तत्कालीन एसओ बेचू सिंह यादव के विरुद्ध कार्रवाई का निर्देश भी एसपी को दिया है। कहा कि उनके द्वारा साक्ष्य संकलित करने की तरफ ध्यान नहीं दिया गया।
प्रकरण बसखारी थाना क्षेत्र का है। चार वर्ष पहले बिहार के मसौढ़ी निवासी उदय प्रताप यादव ने बताया था कि वह परिवार के साथ किछौछा दरगाह शरीफ के पास रहकर दरगाह पर हाजिरी लगाता है। पैसे के लेनदेन में बिहार निवासी इकराम, वहीं के लल्लन तिवारी एवं अमरनाथ श्रीवास्तव से विवाद हो गया। उन्होंने परिवार को तबाह करने की धमकी दी थी। इसके कुछ दिन बाद ही 30 दिसंबर 2018 को मेरा 11 वर्षीय पुत्र युवराज एक खेत में मृत मिला।
पुलिस ने मामले में तीनों आरोपियों के विरुद्घ केस दर्ज कर जेल भेज दिया। अमरनाथ को तो बाद में जमानत मिल गई, लेकिन अन्य दोनों आरोपी तब से जेल में ही बंद हैं। इस बीच तीनों आरोपियों की पैरवी कोर्ट में अधिवक्ता अनिल कुमार द्विवेदी ने की। कहा कि उनके मुवक्किल के विरुद्घ विवेचक के पास कोई साक्ष्य नहीं हैं। ऐसे में आरोपों से बरी किए जाने की जरूरत है।
अपर जनपद न्यायाधीश कमलेश कुमार मौर्य ने आदेश में कहा कि आरोपियों के विरुद्घ पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध नहीं हैं। इसे देखते हुए तीनों आरोपियों को हत्या व हत्या की घटना छिपाने के अपराध से दोषमुक्त कर दिया। अधिवक्ता अनिल कुमार द्विवेदी ने बताया कि कोर्ट ने तत्कालीन बसखारी एसओ व विवेचक बेचू सिंह यादव के विरुद्घ कार्रवाई का निर्देश दिया है। कहा कि उनके द्वारा जरूरी साक्ष्य एकत्र करने पर जोर नहीं दिया गया। जिन साक्ष्यों को आसानी से एकत्र करने की कोशिश हो सकती थी, उस तरफ भी ध्यान नहीं दिया गया।
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