उत्तर प्रदेश

कार्रवाई: उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में IT का तलाशी अभियान, जानें मामला

Deepa Sahu
22 Dec 2021 2:33 AM GMT
कार्रवाई: उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में IT का तलाशी अभियान, जानें मामला
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आयकर विभाग ने उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में निर्माण व रियल इस्टेट कारोबार और शैक्षिक संस्थानों के संचालन से जुड़े विभिन्न लोगों और उनकी कंपनियों पर 18 दिसंबर को तलाशी जारी।

नई दिल्ली, आयकर विभाग ने उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में निर्माण व रियल इस्टेट कारोबार और शैक्षिक संस्थानों के संचालन से जुड़े विभिन्न लोगों और उनकी कंपनियों पर 18 दिसंबर को तलाशी और जब्ती का अभियान चलाया था। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक इस अभियान में कोलकाता स्थित एक एंट्री आपरेटर को भी कवर किया गया था।

बयान के मुताबिक, 'यह पता चला कि निर्माण कारोबार में लगीं कई कंपनियां करोड़ों रुपये के फर्जी खर्च का दावा करने में संलिप्त थीं। ब्लैंक बिल बुक्स, स्टांप, फर्जी आपूर्तिकर्ताओं की हस्ताक्षर की हुईं चेक बुक समेत विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं। एक कंपनी के मामले में कंपनी निदेशकों की 86 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला है। इसमें से संबंधित व्यक्ति ने 68 करोड़ रुपये की राशि को अपनी अघोषित आय के रूप में स्वीकार किया है और उस पर कर देने का प्रस्ताव किया है।
स्वामित्व के एक मामले में पिछले पांच साल के दौरान 150 करोड़ रुपये से अधिक के टर्नओवर से जुड़ी अकाउंट बुक्स को प्रस्तुत नहीं किया जा सका। एक अन्य मामले में अघोषित आय और निवेश को ठिकाने लगाने के लिए मुखौटा कंपनियों का इस्तेमाल किया गया। 12 करोड़ के ऐसे अघोषित निवेश की पहचान की गई है। एक अन्य व्यक्ति के मामले में मुखौटा कंपनी में 11 करोड़ रुपये के निवेश और 3,5 करोड़ रुपये के बेनामी संपत्तियों में निवेश की पहचान की गई है।'
बयान के मुताबिक, कोलकाता स्थित एकोमोडेशन एंट्री आपरेटर (बड़ी रकम को छोटा-छोटा करके खपाने वाला) ने विभिन्न मुखौटा कंपनियां बनाईं ताकि इनके जरिये 408 करोड़ रुपये तक की फर्जी शेयर कैपिटल और 154 करोड़ रुपये के फर्जी अनसिक्योर्ड लोन की एकोमोडेशन एंट्रीज की जा सकें। हवाला लेनदेन के साक्ष्य के रूप में काफी मात्रा में डिजिटल डाटा भी इस अभियान में जब्त किया गया है।
वित्त मंत्रालय ने तलाशी अभियान से जुड़े बेंगलुरू स्थित ट्रस्ट और उससे जुड़ी संस्थाओं के बारे में बताया कि 80 लाख रुपये की राशि दान की शक्ल में ट्रस्ट से इतर कार्यो के लिए कुछ केरल स्थित संस्थाओं को ट्रांसफर की गई थी। इनमें खाड़ी देशों से जुड़े मरकज सक्फाथी सुन्निया ट्रस्ट और मरकज नालेज सिटी ट्रस्ट शामिल हैं। पहली नजर में इसमें आयकर अधिनियम, 1961 और फेमा के प्रविधानों का उल्लंघन पाया गया है। इसके अलावा ट्रस्टियों के निजी फायदे के लिए पिछले तीन साल में 10 करोड़ रुपये की कैपिटेशन फीस एकत्रित करने और ट्रस्ट के अकाउंट से 4.8 करोड़ रुपये के खर्च के साक्ष्य भी मिले हैं। इस कार्रवाई में 1.12 करोड़ रुपये की अघोषित नकदी भी जब्त हुई है। जांच अभी जारी है।
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