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उत्तर प्रदेश
29 साल बाद खुली रेल रोको आंदोलन के खिलाफ कार्रवाई, आरोपियों में से अधिकांश की उम्र 70 के पार
Admin2
25 Jun 2022 9:35 AM GMT

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जनता से रिश्ता : शंकरगढ़ में काशी एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव की मांग पर चलाए गए रेल रोको आंदोलन के खिलाफ कार्रवाई अब 29 साल शुरू हुई है। हालांकि ट्रेन का ठहराव दिया जा चुका है। लेकिन आंदोलनकारियों के लिए नई मुसीबत आ गई है। आरोपियों में से अधिकांश की उम्र 70 के पार हो चुकी है। अब जब चल भी नहीं पाते तो 29 साल पहले के केस में उन्हें कचहरी का चक्कर लगाना पड़ेगा।
क्या है मामला : दो जुलाई 1993 को शंकरगढ़ के समाजसेवियों ने दलबहादुर सिंह के नेतृत्व में 3003 अप और 3004 डाउन काशी एक्सप्रेस के ठहराव की मांग पर सात घंटे रेल रोको आंदोलन चलाया था। बाद में रेल मंत्रालय ने ठहराव का आदेश कर दिया। उसी समय जीआरपी मानिकपुर ने 16 ज्ञात और 150 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज किया था। मुकदमा एसीजेएम कोर्ट बांदा के यहां विचाराधीन है। मुकदमा से संबंधित लोगों के खिलाफ अब कार्रवाई शुरू हो गई है।
नामजद आरोपी
दल बहादुर सिंह निवासी बैसन पुरवा, रमा शंकर मिश्र, शंकरगढ़, राम सनेही गुप्ता, गोपाल दास केसरवानी, अरुण चौरसिया, सुरेश केसरवानी, रमेश कालिया, प्रदीप कुमार, मोहन लाल, जगदीश चौरसिया, सुनील, बन्ने मियां,छेदी, सुनील, राम बाबू निवासी गण शंकरगढ़, जयराज सिंह निवासी मानिकपुर बांदा है।
सोर्स=hindustan
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