उत्तर प्रदेश

आरोपी पादरी ने 150 लोगों के बैंक खातों में रुपये डाले

Admin Delhi 1
5 Aug 2023 7:30 AM GMT
आरोपी पादरी ने 150 लोगों के बैंक खातों में रुपये डाले
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गाजियाबाद: धर्मांतरण कराने वाले पादरी ने यूपीआई और अन्य माध्यम से 150 से अधिक लोगों के खातों में रुपये डाले थे. जिन लोगों के खाते में पैसे भेजे गए,उनको चिह्नित कर पुलिस पूछताछ करने की तैयारी कर रही है. इससे यह पता चल पाएगा कि कहीं उनका भी तो धर्मातरण नहीं किया गया. चेन्नई और मुंबई भी जल्द पुलिस टीम भेजी जाएगी.

गांव शाहजहांपुर में हुए धर्मांतरण का मामला शासन स्तर तक पहुंचने के बाद मोदीनगर पुलिस ने अपनी जांच की रफ्तार तेज कर दी है. चार्जशीट तैयार करने से पहले पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि किन-किन लोगों का पादरी महेन्द्र ने धर्मांतरण किया. पुलिस की कई टीम जिला हापुड़ के गांव सूदना और उसके आसपास खाक छान रही है. पादरी महेन्द्र गांव सूदना का रहने वाला है. बताया जा रहा है कि उसने अपने गांव और आसपास क्षेत्र में भी कई लोगों का धर्मांतरण किया था. इस बारे में कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है. पुलिस यह भी पता लगाने का प्रयास कर रही है कि रोहित का परिवार पादरी महेन्द्र के संपर्क में किस माध्यम से आया था. रोहित के माध्यम से तो कोई धर्मांतरण नहीं कराया गया. हालांकि पुलिस जांच में रोहित और उसकी मां की कोई भूमिका सामने नहीं आ रही है.

गेमिंग ऐप से धर्मांतरण मामले में चार्जशीट दाखिल

गेमिंग ऐप के जरिये नाबालिगों का धर्मांतरण कराने वाले शाहनवाज उर्फ बद्दो और अब्दुल रहमान के खिलाफ कविनगर पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी. करीब एक हजार पन्नों की चार्जशीट में पुलिस ने दोनों को धर्मांतरण कराने का दोषी ठहराया है. अधिकारियों का कहना है कि दोनों को सजा दिलाने के लिए कोर्ट में मजबूत पैरवी की जाएगी. करीब दस दिन पहले अब्दुल रहमान पर पुलिस रासुका लगा चुकी है. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक अब शाहनवाज उर्फ बद्दो पर ीाी दो दिन के रासुका में निरुद्ध करा दिया जाएगा.

धर्मांतरण मामले में पुलिस की कई टीमों को जांच के लिए लगाया है. बैंक खातों की पूरी तरह से डिटेल आने के बाद ही आगे की जांच बढ़ पाएगी. जिन लोगों के खाते में पैसे भेजे गए हैं, उनको चिन्हित किया जा रहा था.

-ज्ञान प्रकाश राय, एसीपी मोदीनगर

धर्मांतरण कराने वालों का ट्रस्ट उठाता था खर्च

पुलिस पूछताछ सीमा ने बताया था कि जिन लोगों का धर्मातरण कराया जाता था, उनका खर्च ट्रस्ट उठाता था. इतना ही नहीं उनके रहने के लिए जगह और खाने की भी व्यवस्था कराते थे. इन सभी सुविधाओं के लिए इन लोगों को धर्मांतरण के लिए अन्य लोगों को खोजना होता था.

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