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बेकार पड़ी आवासीय संपत्तियां भी नीलाम होंगी, आरक्षित मूल्य से लगेगी बोली
लखनऊ न्यूज़: विकास प्राधिकरणों में सालों से बेकार पड़ी आवासीय संपत्तियां भी अब व्यवसायिक की तरह नीलाम होंगी. इसका मकसद इनको निकाल कर इन पैसों से नई आवासीय योजनाएं लाना है.
आरक्षित मूल्य से लगेगी बोली विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद में सालों पुरानी ऐसी आवासीय संपत्तियां पड़ी हैं, जिनकी कीमत अधिक होने की वजह से वे बिक नहीं पा रही हैं. अपर मुख्य सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण की अध्यक्षता में पिछले दिनों बैठक हुई थी. इसमें इनको बेचने पर चर्चा हुई. इसमें सुझाव दिया गया कि लागत के बराबर इनका मूल्य आरक्षित करते हुए नीलामी की बोली लगवाई जाए और सर्वाधिक बोली वाले को इसे बेच दिया जाए. मौके पर ही सभी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.
व्यवसायिक संपत्तियां किराए पर देंगे राज्य सरकार ने 16 फरवरी 2001 को आवास विकास परिषद और विकास प्राधिकरण की संपत्तियों को किराए पर देने पर प्रतिबंध लगा दिया था. आवास विभाग इसे समाप्त करने जा रहा है. प्रदेश के विभिन्न विकास प्राधिकरणों और आवास विकास परिषद में कई व्यवसायिक संपत्तियां ऐसी हैं, जो सालों से खाली हैं. इनके न बिकने की वजह अवैध कब्जे से बचाने के लिए इनकी चौकीदारी कराई जा रही है.
सरकारी विभागों को देंगे व्यवसायिक संपत्तियों को सरकारी, अर्द्धसरकारी और सार्वजनिक उपक्रमों को किराए पर दिया जाएगा. इसके लिए शहरवार किराया तय किया जाएगा. तय किराए से अधिक किराया देने वालों से ही अनुबंध किया जाएगा. बड़ी संपत्तियों को किराए पर देने के लिए बोर्ड की बैठक से अनुमति भी ली जाएगी. किराएदारों को रख-रखाव की जिम्मेदारी स्वयं उठानी होगी. विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद इस पर कोई भी पैसा खर्च नहीं करेगा. प्रदेश के सभी विकास प्राधिकरणों और आवास विकास परिषद से खाली संपत्तियों का ब्यौरा मांगा गया है. इसमें पूछा गया है कि इसमें कितनी आवासीय और व्यवसायिक है.