- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- केंद्र सरकार के खिलाफ...
उत्तर प्रदेश
केंद्र सरकार के खिलाफ आज UP के सभी जिलों में पदयात्रा निकालेंगे आप कार्यकर्ता
Renuka Sahu
28 Aug 2022 3:44 AM GMT
x
फाइल फोटो
आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता केंद्र सरकार के खिलाफ रविवार को यूपी के सभी जिला मुख्यालयों पर पदयात्रा निकालकर प्रदर्शन करेंगे।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आम आदमी पार्टी (आप) कार्यकर्ता केंद्र सरकार के खिलाफ रविवार को यूपी के सभी जिला मुख्यालयों पर पदयात्रा निकालकर प्रदर्शन करेंगे। आप के यूपी प्रभारी और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने 15 लाख करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार सिर्फ अपने पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचा रही है।
2024 में प्रस्तावित लोकसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी पूरी तैयारी में जुटी है। आप का दावा चुनाव में इस बार आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला होगा। यानी मोदी बनाम केजरीवाल होगा। इस दावे को हकीकत में बदलने के लिए आप ने यूपी में अपना अभियान शुरू कर दिया है।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार के 15 लाख करोड़ के घोटाले को लेकर पार्टी कार्यकर्ता रविवार को सभी जिला मुख्यालय पर पदयात्रा कर विरोध प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए जनता के साथ विश्वासघात किया है।
वह शनिवार को गोमती नगर स्थित पार्टी कार्यालय पर निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह और निवर्तमान प्रदेश महासचिव दिनेश सिंह पटेल के साथ पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पदयात्रा में पार्टी कार्यकर्ता हाथों में बैनर, पोस्टर व तिरंगा लेकर चलेंगे और भ्रष्टाचार के साथ-साथ महंगाई और बेरोज़गारी की स्थिति से जागरूक करेंगे।
सरकारी धन से 15 लाख करोड़ की लूट का आरोप लगाते हुए संजय सिंह ने कहा कि जनता पर टैक्स लगाकर मोदी सरकार ने अपने मित्रों के 10 लाख करोड़ रुपये बैंकों से माफ करवा दिया। इसके अलावा मोदी सरकार ने कॉर्पोरेट टैक्स 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत कर दिया, जिसका भुगतान जनता कर रही है। पत्रयात्रा में कार्यकर्ता यही नारा बुलंद करेंगे कि 15 लाख करोड़ का हिसाब दो वरना गद्दी छोड़ दो।
डिफॉल्टर कंपनियों का जिक्र करते हुए संजय सिंह ने कहा कि इन कंपनियों का कुल 3,53,655 करोड़ रुपये कर्ज माफ किया गया है। यह दु:खद है कि आज देश का किसान फसल का दाम न मिलने के कारण आत्महत्या कर रहा है, बेरोज़गार नौकरी न पाने से में डिप्रेशन में आकर ख़ुदकुशी कर रहा है लेकिन ये कंपनियां बैंकों का हजारों करोड़ डकार ले रही हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या डिफाल्टर कंपनियों के कर्ज का इस तरह 'सेटेलमेंट' करवाना मुफ्त की रेवड़ी बांटना नहीं है?
Next Story