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उत्तर प्रदेश
डिजिटल रेप के आरोप में 65 साल के एक बुजुर्ग को सुनाई उम्रकैद की सजा, जानिए क्या होता है डिजिटल रेप
Shantanu Roy
1 Sep 2022 10:41 AM GMT

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बड़ी खबर
नोएडा। उत्तर प्रदेश के नोएडा में सूरजपुर कोर्ट ने डिजिटल रेप के एक आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी डिजिटल रेप के आरोपी को सजा मिली हो। यह आरोपी 65 साल का एक बुजुर्ग अकबर अली है, जिसने साढ़े 3 साल की बच्ची के साथ डिजिटल रेप किया था। जिसके आरोप में उसे ताउम्र जेल के सजा सुनाई गई है। बता दें कि यह मामला नोएडा के सेक्टर-39 थाना क्षेत्र के सलारपुर गांव है। यहां पर पश्चिम बंगाल के रहने वाले अकबर अली 2019 में अपनी शादीशुदा बेटी से मिलने नोएडा के सेक्टर-45 स्थित सलारपुर गांव आया था। वहां उसने पड़ोस में रहने वाली साढ़े 3 साल की मासूम को टॉफी दिलाने का लालच देकर घर ले आया और उसके साथ डिजिटल रेप किया।
अकबर अली की हरकतों से डरी-सहमी बच्ची अपने घर पहुंची और पूरी बात परिवार वालों को बताई। उसके बाद परिजनों ने थाने पहुंचकर आरोपी के खिलाफ तहरीर दी। उसके बाद पुलिस ने मासूम का मेडिकल कराया जिसमें रेप की पुष्टि हुई और उसी दिन आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद से अकबर अली जिला जेल में बंद है। उसने सत्र न्यायायल और हाईकोर्ट में अंतरिम जमानत की अर्जी दाखिल की थी, लेकिन अपील ख़ारिज कर दी गई थी। मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार सिंह ने अकबर अली को परिस्थिति जन्य साक्ष्य, मेडिकल रिपोर्ट, डॉक्टर्स, जांच अधिकारी, परिजनों और पड़ोसियों की गवाही पर दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने आरोपी पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
यह होता है डिजिटल रेप
डिजिटल रेप का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि यौन उत्पीड़न इंटरनेट के माध्यम से किया गया हो। डिजिटल रेप शब्द दो शब्दों को जोड़कर बना है जो डिजिट और रेप हैं। इंग्लिश के डिजिट का मतलब हिंदी में मतलब अंक होता है तो वहीं अंग्रेजी के शब्दकोश में डिजिट अंगुली, अंगूठा, पैर की अंगुली इन शरीर के अंगो को भी डिजिट कहा जाता है। जब कोई व्यक्ति रिप्रोडक्टिव ऑर्गन की जगह किसी की मर्जी के बिना उंगलियों या हाथ-पैर के अंगूठे से जबरन पेनेट्रेशन करता है तो उसे डिजिटल रेप कहा जाता है। डिजिटल रेप को दिसंबर 2012 से पहले देश में डिजिटल रेप को छेड़खानी समझा जाता था। लेकिन निर्भया कांड के बाद देश की संसद में नए रेप लॉ को पेश किया गया और इसे यौन अपराध मानते हुए सेक्शन 375 और पॉक्सो एक्ट की श्रेणी में रखा गया है।

Shantanu Roy
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