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मेरठ: महानगर ट्रांसपोर्ट सेवा के बेड़े में शामिल की गई 10 नई इलेक्ट्रिक बसें संचालन के साथ ही ब्रेक डाउन होना शुरू हो गई हैं। गुरुवार सुबह इन्हीं में शामिल करीब 90 लाख रुपये कीमत की एक बस बेगमपुल जीरो माइल के पास खराबी आने के कारण घंटों तक जाम की स्थिति बनी रही। जिसे बाद में लोहियानगर से आई मैकेनिक टीम ने सही किया।
महानगर सेवा में हाल ही में 10 नई इलेक्ट्रिक बसों को शामिल किया गया है। जिनमें से जबकि 29 बसें विभिन्न मार्गों पर पहले से संचालित हैं। अभी एक दिन पहले ही बुधवार से नई बसों को रूट पर उतारा गया है। इन नई बसों के बेडेÞ में शामिल मेडिकल से सिटी स्टेशन के बीच चलने वाली एक बस जैसे ही जीरो माइल के सामने पहुंची, उसके दरवाजे जाम हो गए।
ऐसी स्थिति में इलेक्ट्रिक बस वहीं खड़ी हो गई। बताया गया है कि इन बसों में दरवाजे बंद होने के बाद ही स्टार्ट होने की व्यवस्था है। जिस जगह यह बस खराब हुई, वहां मेट्रो के निर्माण का काम होने के कारण पहले ही रास्ता काफी संकरा हो चुका है। ऐसी स्थिति में घंटों तक जीरो माइल के पास वाहनों को आने जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
सिटी बस सेवा का कार्य देख रहे एआरएम विपिन सक्सेना ने बताया कि सूचना मिलने पर मैकेनिक टीम को मौके पर भेजकर बस की खराबी को सही कराते हुए उसे मार्ग पर संचालन के लिए भिजवा दिया गया है। जिस प्रकार 90 लाख रुपये की महंगी इलेक्ट्रिक बस सड़क के बीचो-बीच ब्रेक डाउन का शिकार हुई, इससे महानगर सेवा की छवि भी प्रभावित हुई है।
बताया गया है कि इस बस में सवार यात्रियों को बीच में ही उतरकर अन्य साधनों से गंतव्य तक पहुंचना पड़ा। लोगों का कहना है कि सीएनजी और डीजल से चलने वाली अन्य बसें किसी तकनीकी खराबी से खराब हो जाने की घटनाएं आए दिन सामने आती हैं, लेकिन जो बए एक दिन पहले ही रूट पर उतारी गई हैं, उनमें इस प्रकार की खामी आना गंभीर मामला है।
गौरतलब है कि महानगर सेवा में पहले से 30 बसें संचालित हैं, जिनमें इन 10 नई बसों के साथ इलेक्ट्रिक बसों की संख्या 40 हो गई है। इनके संचालन के लिए पहले से मौजूद मार्गों के अलावा दो नए रूट पर एक फरवरी से ही बसों का संचालन शुरू किया गया है। चार बसों को मेडिकल से सीसीएस यूनिवर्सिटी होते हुए जेल चुंगी, साकेत, आयुक्त आवास, कैलाश प्रकाश स्टेडियम, कमिश्नरी चौराहा, कचहरी होते हुए नाले के पुल से बेगमपुल ले जाया जाएगा।
जहां से बस भैंसाली, घंटाघर चौराहा होते हुए सिटी स्टेशन चलाया गया है। जबकि नई बसों में से चार बसों को हापुड़ अड्डे से किठौर के बीच संचालित किया गया है। वर्तमान में इनमें से 10 बसें भैंसाली-सरधना मार्ग, 15 बसें भैंसाली-हस्तिनापुर मार्ग, पांच बसें मेडिकल वाया हापुड़ अड्डे होकर बेगमपुल से सिटी स्टेशन मार्ग, चार बसें मेडिकल-सिटी स्टेशन वाया कमिश्नरी चौराहा, चार बसें हापुड़ अड्डा-किठौर मार्ग, एक बस किला मार्ग पर चलाई गई हैं। जबकि एक बस स्पेयर में रखा गया है।
नई बस का इस प्रकार ब्रेक डाउन का शिकार होना एक गंभीर मामला है। इस मामले की जांच कराई जाएगी। अगर इसमें किसी की लापरवाही सामने आती है, तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
अगर नई बसों में कोई मेन्यूफेक्चरिंग डिफेक्ट की बात सामने आती है, तो कंपनी को अवगत कराते हुए सुधार कराया जाएगा।
-केके शर्मा (आरएम), प्रभारी एमडी, एमसीटीसीएल मेरठ