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उत्तर प्रदेश
खेल-खेल में गई जान, पढ़े हैरान करने वाला मामला
jantaserishta.com
26 April 2022 7:00 AM GMT
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देवरिया: उत्तर प्रदेश के देवरिया में जिला अस्पताल में 9 साल के मासूम की जान चली गई. मासूम पिकप गाड़ी से खेल-खेल में गिर गया था. आनन फानन में परिजन भटनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां से उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया. परिजनों का आरोप है है कि इमरजेंसी में तैनात डॉक्टरों की लापरवाही से बच्चे की जान गई.
डॉक्टरों ने बच्चे का इलाज कर स्वस्थ बताते हुए घर जाने की सलाह दे दी. परिजन अभी अस्पताल से कुछ ही दूर पहुंचे थे कि बच्चे की तबियत बिगड़ने लगी. वे फौरन अस्पताल पहुंचे, जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. परिजनों का आरोप है कि सिटी स्कैन के लिए घर वाले कहते रहे लेकिन डॉक्टरों ने 'कुछ भी नहीं हुआ है' कहकर लौटा दिया.
इस मामले में इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर रोहित सिंह का कहना है कि बच्चे को कही भी खरोच या चोट का निशान नहीं था, बच्चा हंस खेल रहा था, उसे यहां डॉक्टरों ने इंजेक्शन दिया, दवा दी, ये लोग रास्ते में पानी पिला दिए जिससे ओमिटिंग हो गयी और बच्चा रास्ते में डेथ कर गया.
भटनी थाना क्षेत्र के जिगना दीक्षित में रविवार को एक बारात आई थी. इसके सिलसिले में एक पिकप गाड़ी से सामान उतर रहा था. इसी दौरान मनोज दीक्षित का नौ साल का एकलौता बेटा विनायक पिकप गाड़ी पर चढ़कर खेल रहा था. इसी दौरान वह गिर गया, जिससे अंदरूनी चोट लग गयी. घर वाले आनन फानन में भटनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए.
यहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार कर जिला अस्पताल रेफर कर दिया लेकिन जब वे अस्पताल पहुंचे तो इमरजेंसी में तैनात डॉक्टरों ने उसको दवा दी और उसे स्वस्थ बताकर परिजनों को घर ले जाने के लिए कहा. परिजन अभी कुछ दूरि पर ही गए थे कि बच्चे की तबियत बिगड़ने लगी और जब वह दोबारा अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया.
घरवालों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाकर परिजनों ने आरोप लगाया कि वह सिटी स्कैन करने के लिए कहते रहे लेकिन डॉक्टर बच्चे को स्वस्थ बताते रहे. घर वालो का आरोप है की डॉक्टरों ने बच्चे को अस्पताल में ही अपने सामने पानी पिलाया. इस पूरे मामले पर सीएमएस डॉक्टर आनंद मोहन वर्मा ने कहा कि हम जांच करवाएंगे.
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