उत्तर प्रदेश

मुज़फ्फरनगर में रेल रोकने के आरोप में कपिल देव सहित 8 बरी

Rani Sahu
16 Nov 2022 3:58 PM GMT
मुज़फ्फरनगर में रेल रोकने के आरोप में कपिल देव सहित 8 बरी
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मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश सरकार के कौशल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल समेत सभी आठ भाजपा नेताओं को अदालत ने रेल रोकने के दस साल पुराने एक मामले में बरी कर दिया है। सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट-1 मयंक जायसवाल की अदालत में मंगलवार की दोपहर बाद ये फैसला सुनाया गया। आपको बता दें कि इस प्रकरण में 4 कार्यकर्ताओं पर पहले जुर्माना लग चुका है।
कोर्ट प्रांगण में डटे रहे सभी नेता: फैसले के दिन वर्तमान शहर विधायक एवं राज्यमंत्री कपिलदेव अग्रवाल समेत सभी नेता कोर्ट में वक्त पर पहुंच गए थे। लंच से पहले सभी आरोपी भाजपा नेता वकीलों के साथ कोर्ट के बाहर खड़े हो गए। चूंकि फैसला लंच के बाद आया, तो तब तक सभी आरोपी नेता कोर्ट प्रांगण में ही मौजूद रहे। जैसे-जैसे वक्त बीत रहा था और फैसले की घड़ी आ रही थी, वैसे-वैसे सभी आरोपी नेताओं के दिल की धड़कनें तेज़ होती गई।
ये था पूरा मामला: दरअसल, समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान करीब 1 साल पहले 2012 में बीजेपी नेताओं ने रेलवे स्टेशन पर जोरदार धरना-प्रदर्शन किया था, जिसमें मुख्य रूप से वर्तमान सरकार में कौशल विकास राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, पूर्व विधायक अशोक कंसल, पूर्व विधायक उमेश मलिक, भाजपा जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला, पूर्व जिलाध्यक्ष यशपाल पंवार, शामली के पूर्व जिलाध्यक्ष पवन तरार, वैभव त्यागी और सुनील तायल समेत 12 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में 4 आरोपियों पर अदालत पहले ही जुर्माना ठोक चुकी है, जबकि बाकी 8 लोगों के लिए आज ये फैसला आया है, जिसमें आठों को कोर्ट ने बरी कर दिया है। इस मामले में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि हमने सांकेतिक रूप से रेल रोको आंदोलन किया था, जिस वक्त हम स्टेशन पर पहुंचे थे, उस वक्त ट्रेन खड़ी हुई थी। हमने केवल फोटो खिंचवाया था और किसी भी तरह की रेलवे को हानि नहीं पहुंचाई थी। सपा सरकार ने अनावश्यक रूप से ये मुकदमा कराया था। लंबी बहस के बाद अदालत ने हमें दोषमुक्त करार देते हुए बरी किया। हम सभी न्यायालय का आभार व्यक्त करते हैं।
पूर्व सांसद सईदुज्जमा व उनके पुत्र सलमान सईद भी हुए कोर्ट में पेश
मुजफ्फरनगर। पूर्व सांसद व पूर्व गृह राज्यमंत्री सईदुज्जमा व उनके पुत्र सलमान सईद भी आज एमपी/एमएलए कोर्ट में पेश हुए और वर्ष 2013 में शहीद चौक पर हुई सभा में भडकाऊ भाषण देने के मामले में अपने वारंट रिकॉल कराये। सईदुज्जमा व उनके पुत्र सलमान सईद 30 अगस्त 2013 को शहीद चौक पर हुई सभा में भडकाऊ भाषण देने के मामले में आरोपी हैं। उनके विरूद्ध शहर कोतवाली में भडकाऊ भाषण देने का मामला दर्ज हुआ था।

सोर्स - दैनिकदेहात

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