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मैडिकल लाइसेंस बनवाने के मांगे 65 हज़ार, वीडियो-ऑडियो हुए वायरल
शामली: भ्रष्टाचार मुक्त शासन का दावा करने वाले योगी राज में अफसरशाही बेकाबू हो गयी है, अफसर खुलकर लूट मचा रहे है, कोई शिकायत करे तो एक दूसरे को बचाने में जुट जाते है , शामली में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमे मैडिकल लाइसेंस बनवाने के 65 हज़ार मांगे जा रहे थे जिसका ऑडियो और वीडियो वायरल होने के बाद डीएम ने उसकी जांच के आदेश दे दिए है।
शामली में एक के बाद एक सरकारी महकमों में भ्रष्टाचार के मामले लगातार उजागर हो रहे हैं। गत दिनों बेसिक शिक्षा अधिकारी भ्रष्टाचार में संलिप्त पाए गए थे और अब औषधि प्रशासन विभाग में मेडिकल लाइसेंस बनवाए जाने के लिए मोटी रकम वसूली जा रही है।
जिसका एक ऑडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है जिसमें ड्रग्स इंस्पेक्टर निधि पांडे द्वारा लाइसेंस बनवाने के लिए मेडिकल स्टोर संचालक देवराज के पास भेजा गया। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे ऑडियो से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है, हालांकि जिला अधिकारी जसजीत कौर द्वारा प्रकरण की जांच के लिए एसडीएम को आदेश दे दिए गए हैं।
सरकारी दफ्तरों में बैठकर अवैध रूप से कमाई करने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। शामली में जाट कॉलोनी निवासी उदयवीर सिंह ने औषधि विभाग पर मेडिकल स्टोर का लाइसेंस जारी कराने के नाम पर रुपए मांगने का आरोप लगाया है, ऑडियो एवं विडियो भी इंटरनेट पर प्रसारित हो रहा है, जिसमें वह औषधि निरीक्षक पर आरोप प्रत्यारोप के पुल बांधते हुए दिखाई दे रहे हैं।
उदयवीर का कहना है कि उनका भतीजा सागर बेरोजगार फिर रहा है। उन्होंने बताया कि सागर ने मेरठ से डी-फार्मा की पढ़ाई की है, जिसके बाद वह मैडिकल स्टोर खोलने के लिए उत्सुक हो रहा था। बताया कि मेडिकल स्टोर के लाइसेंस के लिए जिला औषधि निरीक्षक निधि पांडे को फोन किया तो उन्होंने दवा व्यापारी देवराज का नंबर देते हुए कहा कि इनसे जाकर मिलो।
आरोप है कि देवराज द्वारा मेडिकल लाइसेंस बनवाने की एवज में रू. 65000 की डिमांड की गई। आरोप है कि इस प्रकरण में टाइपिस्ट अंकुर भी शामिल है। उदयवीर ने कहा कि इस बारे में विधायक व कई नेताओ से भी फोन कराये लेकिन बिना रुपए के लाइसेंस नहीं बन सका।
उदयवीर सिंह ने कहा कि प्रदेश में काबिज भाजपा सरकार के बावजूद सरकारी महकमों में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार पनप रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा की योगी सरकार का नारा है कि प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना है मगर हकीकत तो यह है कि सरकारी दफ्तरों से ही भ्रष्टाचार का जन्म हो रहा है। सरकारी महकमों में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है, भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध कार्यवाही कर सजा दिलवाने एवं इंसाफ के लिए जरूरत पड़ी तो धरना प्रदर्शन भी करेंगे।
उदयवीर सिंह का कहना है कि यदि भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों पर कार्यवाही नहीं हो पाई तो कलेक्ट्रेट का घेराव कर हंगामा किया जायेगा।
सहारनपुर मंडल सहारनपुर के ड्रग्स लाइसेंस अथॉरिटी शशि मोहन गुप्ता ने, प्रकरण उनके संज्ञान में नहीं है, का हवाला देते हुए पल्ला झाडऩे का प्रयास किया। इस दौरान अपने आप को सवालों से घिरा देखते हुए आक्रोश में बात करते हुए कहा कि जो ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है उस ऑडियो के अंदर ऐसा कुछ भी नहीं है कि जिससे ड्रग्स इंस्पेक्टर निधि पांडे जांच के दायरे में आ सके, जबकि ऑडियो में ड्रग्स इंस्पेक्टर निधि पांडे द्वारा खुद ही स्वीकार किया जा रहा है कि उन्होंने खुद ही उसको देवराज के पास भेजा था, बावजूद इसके ड्रग्स लाइसेंस अथॉरिटी शशि मोहन गुप्ता द्वारा भ्रष्टाचार में संलिप्त औषधि निरीक्षक निधि पांडे का साथ दिया जा रहा है, जो कहीं ना कहीं ड्रग लाइसेंस अथॉरिटी शशि मोहन गुप्ता के चरित्र पर भी सवाल उठा रही है।
शशि मोहन गुप्ता द्वारा पहले यह प्रकरण संज्ञान में न होने का हवाला दिया गया था वही बाद में सारी बातें खुद ही बता दी गई जो ऑडियो में निधि पांडे एवं सागर के मध्य दूरभाष के माध्यम से हुई थी, और कहा कि यह सारी बातें हमें किसी ने बताई है। उन्होंने कहा कि यह सब सोची समझी साजिश के तहत ड्रग्स इंस्पेक्टर को फंसाने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस तरह की ऑडियो वायरल कर सरकारी दफ्तरों में बैठे अधिकारियों की छवि को धूमिल करने का प्रयास अराजक तत्वों द्वारा किया जा रहा है।