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निर्माण में दिन-रात लगे हैं 500 मजदूर, गर्भगृह का 20 प्रतिशत काम पूरा
न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
Ram Mandir : गर्भगृह का 20 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। पांच फीट ऊंची महापीठ बनकर तैयार है। प्लिंथ का काम भी सिंतबर तक पूरा हो जाएगा। जल्द ही मंदिर के स्तंभों को भी जोड़ने का काम शुरू हो जाएगा। राममंदिर की प्लिंथ सितंबर के मध्य तक तैयार हो जाएगी।
राममंदिर निर्माण के लिए पांच अगस्त 2020 को हुए भूमि पूजन की दूसरी वर्षगांठ पर शुक्रवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण की प्रगति साझा करते हुए बताया कि राममंदिर निर्माण का काम दिन-रात करीब 500 मजदूर काम कर रहे हैं।
गर्भगृह का 20 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। पांच फीट ऊंची महापीठ बनकर तैयार है। प्लिंथ का काम भी सिंतबर तक पूरा हो जाएगा। जल्द ही मंदिर के स्तंभों को भी जोड़ने का काम शुरू हो जाएगा।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि राममंदिर निर्माण के क्रम में अभी प्लिंथ, गर्भगृह व रिटेनिंग वॉल निर्माण का काम एक साथ चल रहा है। कहा कि राममंदिर की प्लिंथ सितंबर के मध्य तक तैयार हो जाएगी।
21 फीट ऊंची प्लिंथ में ग्रेनाइट के 17 हजार पत्थर लगने हैं। जिनमें से अब तक 13500 पत्थर लग चुके हैं। साथ ही 15500 पत्थरों आपूर्ति भी हो चुकी है। अगस्त से ही भूतल के स्तंभों को जोड़ने का काम प्रारंभ कर दिया जाएगा।
गर्भगृह में करीब 225 पत्थर बिछाए जा चुके हैं। गर्भगृृह का प्रदक्षिणा मार्ग भी लगभग तैयार है। उन्होंने बताया कि मंदिर तीन तल का होगा प्रत्येक तल की ऊंचाई 20 फीट की होगी।
गर्भगृह का निर्माण पूरा होने के बाद रामलला को विराजित कर दर्शन प्रारंभ करा दिया जाएगा। दूसरे व तीसरे तल का काम चलता रहेगा। बताया कि दूसरे तल में राम दरबार की स्थापना होगी। तीसरे तल में क्या हो, इसको लेकर ट्रस्ट अभी मंथन करने में जुटा हुआ है।
डॉ. अनिल ने कहा कि मंदिर में भीड़ नियंत्रण के भी प्लान बनाए जा रहे हैं। ऐसी योजना बन रही है कि यदि एक दिन में एक से डेढ़ लाख भक्त रामलला के दर्शन करने पहुंच जाएं तो उन्हें कोई दिक्कत न हो। मंदिर का परिक्रमा पथ करीब 60 फीट चौड़ा होगा।
एक साथ हजारों लोग परिक्रमा कर सकेंगे। साथ ही राममंदिर आने वाले रास्तों को भी जिला प्रशासन चौड़ा करने की योजना पर काम कर रहा है। भक्तों के लिए अन्य सुविधाएं विकसित करने पर भी तेजी से काम हो रहा है।
राममंदिर को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित रखने के लिए बन रही रिटेनिंग वॉल की भी एक लेयर तैयार हो चुकी है। ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि मंदिर को भूकंप, बाढ़ आदि से सुरक्षित रखने के लिए सुरक्षा दीवार बनाई जा रही है।
जो जमीन से करीब 40 फीट गहरी है। बताया कि मंदिर के तीन दिशाओं पश्चिम, उत्तर व दक्षिण में सुरक्षा दीवार का काम चल रहा है। यह दीवार दो लेयर में तैयार होगी। छह मीटर की एक लेयर तैयार हो चुकी है। बताया कि पश्चिम दिशा में 180 मीटर, उत्तर व दक्षिण दिशा में 85-85 मीटर चौड़ी सुरक्षा दीवार बन रही है।