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50 प्रतिशत महिलाओं को खून की कमी, केजीएमयू के रिसर्च में खुलासा
यूपी के लोगों में खून की कमी की परेशानी बढ़ रही है। करीब 50 फीसदी महिलाएं खून की कमी से जूझ रही हैं। खून संबंधी बीमारियों के मामलों में भी इजाफा हो रहा है। लखीमपुर खीरी में थारू आबादी में यह समस्या और भी अधिक देखने को मिली है।
यह तथ्य केजीएमयू के सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च सेंटर के अध्ययन में सामने आए हैं। 493 बच्चों पर किए गए शोध में 12 से 18 साल के किशोर शामिल किए गए हैं। सेंटर से जुड़ी डॉ. नीतू निगम ने बताया कि भारत में 3.8 फीसदी लोग खून संबंधी विकार या थैलसीमिया के वाहक हैं। थारू जनजाति में यह चार से 17 फीसदी तक मिला है, जो गंभीर चिंता का विषय है।
थारू आबादी में खून की काफी कमी मिली है। थैलेसीमिया के एचबी प्रकार के विश्लेषण का मूल्यांकन किया गया। खून के नमूनों की जांच में 21.9 प्रतिशत यानी 108 बच्चों में सामान्य हीमोग्लोबिनपैथी मिली है। इनमें 12.98 फीसदी बच्चे थैलेसीमिया से ग्रस्त मिले। 7.5 फीसदी बच्चे एचबीआई पीड़ित पाए गए, 1.42 फीसदी बच्चे मिश्रित विषमयुग्मजी एचबीएस से पीड़ित मिले।
डॉ. नीतू निगम ने बताया कि समय पर बीमारी की पहचान जरूरी है, जिससे समय रहते इलाज शुरू किया जा सके। खून की बीमारी से पीड़ित बच्चों के शादी में भी एहतियात बरतें। लखीमपुर खीरी में थारू आबादी शादी से पहले वर और कन्या की खून की जांच कराएं। इससे बीमारी को आगे बढ़ने से रोक सकते हैं। खून की बीमारी से पीड़ित बच्चों के माता-पिता को एहतियात बरतने की सलाह दी गई है।