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उत्तर प्रदेश :रायसेन तहसील गैरतगंज कस्बा गांव के नजदीक भिलाड़िया गांव निवासी बबलू विश्वकर्मा की 5 वर्षीय मासूम बेटी वैष्णवी विश्वकर्मा की स्वास्थ्य महकमे के फील्ड कर्मचारियों द्वारा गलत तरीके से टीका लगाए जाने से इलाज के दौरान करीब 3 दिन बाद भोपाल में उपचार के दौरान मौत हो गई है । अचानक घटित हुई घटना से परिजन बेहद आहत हैं ।
उनकी बेटी शासकीय प्राथमिक शाला भिलाड़िया में पहली कक्षा में पढ़ती थी। देवनगर सर्किल में पदस्थ स्वास्थ्य विभाग की नर्स दीप्ति ओढ़ द्वारा गलत तरीके से टीकाकरण लगाया गया है। परिजनों ने आरोप लगाते हुए शुक्रवार की शाम कलेक्ट्रेट रायसेन पहुंचकर कलेक्टर अरविंद दुबे और सीएमएचओ डॉ दिनेश खत्री को शिकायत कर स्वास्थ्य महकमे के दोषी डॉक्टरों और स्टाफ नर्स पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है ।मृतिका के परिजनों का कहना है कि हमने अपनी मासूम बेटी के महंगे इलाज में कोई कसर नहीं रखी।अपने पास जमा घर में रखी लाखों पूंजी खर्च कर दी है।जिससे अब परिवार जैसे आर्थिक रूप से परेशान हैं ।
जहां एक और प्रदेश की शिवराज सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ बेटी को आगे बढ़ाओ के अभियान में जुटी हुई है ।दूसरी तरफ उनकी मासूम बेटी वैष्णवी को गलत टीका लगाए जाने के मामले में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। ऐसे में बच्चियों को कैसे बचा जा सकता है ।यह एक सोचनीय पहलू है। परिजनों ने बताया कि प्राथमिक शाला के भिलाड़िया के शिक्षकों और स्वास्थ्य विभाग की नर्स दीप्ति ओढ़ और सहित नोडल अधिकारी पूरी तरह से दोषी हैं ।
मृतिका वैष्णवी के पिता बबलू विश्वकर्मा पिता मलखान सिंह भिलाड़िया थाना देवनगर गांव तहसील गैरतगंज में शिकायतें की हैं । 5 वर्षीय मासूम शासकीय भिलाड़िया की कक्षा पहली की छात्रा थी ।जो 24 अगस्त 2022 को स्कूल गई थी ।उसी रोज प्राइमरी स्कूल भिलाड़िया में देवनगर स्वास्थ्य केंद्र का टीकाकरण कैंप लगाया गया था ।जिसमें स्टाफ नर्स श्रीमती दीप्ति ओढ़ द्वारा सभी बच्चों का टीकाकरण किया गया ।
उन्होंने यह आरोप लगाया कि एक ही सीरींन से बच्चों को टीकाकरण किया जा रहा था। मेरी बेटी की दूसरी बहन ने जो कक्षा 6 में पढ़ती है उसने टीका लगवाने से मना कर दिया था ।नर्स दीप्ति ओढ़ ने उनकी बेटी वैष्णवी के पैर में जबरदस्ती टीका लगाया गया। इसके बाद से ही उसकी बेटी वैष्णवी की तबीयत बिगड़ी जिसे लेकर देवनगर पहुंचे। वहां कुछ गोली और दवाइयां देकर घर जाने को कहा गया ।घर में तबियत बिगड़ने पर 108 एंबुलेंस की मदद से रायसेन के जिला अस्पताल रेफर कर दिया ।बाद में अस्पताल के डॉक्टरों ने उसकी तबीयत ठीक ना होने पर कमला नेहरू हॉस्पिटल भोपाल और पीपुल्स हॉस्पिटल भोपाल में भर्ती कराया गया।यहां पुत्री वैष्णवी का इलाज 28,29 और 30 अगस्त 2022 को हुआ।लेकिन आखिर में 31 अगस्त को शाम 4 बजे उसने दम तोड़ दिया ।
उन्होंने जिला व पुलिस प्रशासन सहित स्वास्थ्य विभाग से इस गलत टीकाकरण की जांच कर दोषियों पर उचित कानूनी कार्यवाही कराए जाने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि और मामले की सही निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो मानव अधिकार आयोग भोपाल और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों सहित प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री व सांची विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ प्रभुराम चौधरी से भी की जाएगी।
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