उत्तर प्रदेश

GIDA में 4 दिनों में फुंका 5 करोड़ का डीजल, बिजली संकट से जूझ रहे उद्यमी

Shantanu Roy
4 July 2022 10:47 AM GMT
GIDA में 4 दिनों में फुंका 5 करोड़ का डीजल, बिजली संकट से जूझ रहे उद्यमी
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बड़ी खबर

गोरखपुर। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GIDA) में बीते तीन दिनों से 10 एमबी के ट्रांसफार्मर के फूंकने के बाद फैक्ट्रियों में विद्युत आपूर्ति का बुरा हाल है। कुछ सेक्टर में दूसरे फीडर से आपूर्ति हो रही है, तो वहीं दर्जनों फैक्ट्रियों में घंटों जनरेटर चलाने की मजबूरी है।

एक-एक फैक्ट्रियों में बीते तीन दिनों में 2 लाख से लेकर 6 लाख रुपये कीमत तक का डीजल फुंक चुका है। सबसे बुरी हालत प्लास्टिक, सरिया और मेडिकल उत्पाद बनाने वाली फैक्ट्रियों की है। जहां मशीनों को लगातार चलाना मजबूरी है। इस तरह करीब 25 से अधिक फैक्ट्रियों में 4 दिनों के दरमियान करीब 5 करोड़ से अधिक का डीजल फुंका गया।
गुरुवार को फुंक गया था ट्रांसफार्मर
GIDA में गुरुवार को 10 MB का ट्रांसफार्मर फुंक गया था। तभी से विद्युत आपूर्ति पूरी तरह चरमरा गई है। कुछ फैक्ट्रियों की लाइन को दूसरे फीडर से जोड़ कर आपूर्ति दी जा रही है, लेकिन ज्यादातर की स्थिति खराब है। उद्यमी अशोक शाह की प्लास्टिक उत्पाद की फैक्ट्री है। उनके यूनिट में एक सेकेंड के लिए भी आपूर्ति बाधित नहीं हो सकती है। इसके लिए उन्होंने 400 KVA का UPS लगा रखा है।
4 दिन में फुंक गया 6 लाख का डीजल
पिछले चार दिन में जनरेटर चलाने पर उन्हें करीब 6 लाख रुपये कीमत का डीजल फूंकना पड़ा। इसी तरह मरीजों को ग्लूकोज चढ़ाने का उत्पाद बनाने वाली फैक्ट्री में जनरेटर चलाने के बाद भी लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन करने वाली मोदी केमिकल को भी लगातार जनरेट पर लाखों रुपये का डीजल फूंकना पड़ा।
जनरेटर में प्रति घंटे में 90 से 100 लीटर डीजल खर्च
प्लास्टिक का उत्पाद बनाने वाले उद्यमी अजय श्रीवास्तव का कहना है कि 'GIDA में पिछले 25 साल से तार और बिजली उपकरणों को नहीं बदला गया है। जबकि यूनिटों की संख्या लगातार बढ़ रही है। नये सिरे से सर्वे कर बिजली तार और उपकरणों को बदलने से ही कुछ राहत मिलेगी।' उद्यमी अशोक शाह कहते हैं कि 'जनरेटर चलाने में एक घंटे में 90 से 100 लीटर डीजल खर्च होता है। अगर 12 घंटे तक लगातार जनरेटर चलाना पड़े तो खर्च का अनुमान लगाया जा सकता है।'
लगातार बिजली के नाम पर प्रति केबीए 300 रुपये एक्स्ट्रा चार्ज
पिछले तीन दिनों में विभिन्न फैक्ट्रियों में 150 से अधिक जनरेटर को चलाने में सवा करोड़ से अधिक का डीजल फुंक गया है। लघु उद्योग भारती के जिलाध्यक्ष दीपक कारीवाल का कहना है कि 'अनवरत बिजली के नाम पर प्रति केबीए 300 रुपये अतिरिक्त फिक्स चार्ज लिया जाता है। एक बड़ी यूनिट को एक से दो लाख रुपये तक फिक्स चार्ज देना पड़ रहा है।'
ठीक हुआ ट्रांसफार्मर
GIDA में 10 एमबी का ट्रांसफार्मर टेस्टिंग के बाद रविवार को शाम 4 बजे ठीक हो गया। इससे फैक्ट्रियों को आपूर्ति दी जा रही है। पिछले चार दिन में गीडा की 250 से अधिक यूनिटों में आपूर्ति प्रभावित रही। GIDA- CEO पवन अग्रवाल ने बिजली व्यवस्था ठीक करने को लेकर मंगलवार को बिजली निगम के मुख्य अभियंता को बुलाया है। जिसमें उद्यमी अपनी समस्याएं रख सकेंगे।
क्या बोले उद्यमी?
उद्यमी अशोक शाह का कहना है कि जनरेटर से एक यूनिट बिजली का खर्च 25 रुपये के आसपास आता है। चार दिनों में लाखों रुपये कीमत का डीजल फुंक गया। हैवी इंडस्ट्रीज के लिए बिजली निगम को अलग व्यवस्था करनी चाहिए। एक दिन बिल जमा करने में देरी पर बिजली कट जा रही है, ऐसे में आपूर्ति भी तो सुनिश्चित करना होगा।
जबकि चेंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के उपाध्यक्ष आरएन सिंह का कहना है कि उद्यमी 8 रुपये यूनिट से अधिक विद्युत मूल्य चुकाता कर रहा है। इसके बाद भी नियमित बिजली नहीं मिला दुर्भाग्यपूर्ण है। जनरेटर के भरोसे चंद मिनटों के लिए यूनिटें चल सकती हैं। घंटों तक जनरेटर चलाना पड़ेगा तो प्रोडक्शन कास्ट निकालना मुश्किल होगा।
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