उत्तर प्रदेश

चौथी और 9वीं फेल लड़कों ने इंग्लिश सीख कर अमेरिकियों से की ठगी

Shantanu Roy
19 Dec 2022 6:56 PM GMT
चौथी और 9वीं फेल लड़कों ने इंग्लिश सीख कर अमेरिकियों से की ठगी
x
बड़ी खबर
गाजियाबाद। गाजियाबाद में चौथी, पांचवीं और 9वीं फेल कुछ लड़कों ने अंग्रेजी सीख कर अमरीकियों से ठगी की वारदात को अंजाम दिया है. (cheated americans by learning english) मामला गाजियाबाद के मधुबन बापूधाम इलाके का है, जहां पर क्राइम ब्रांच ने 9 साइबर ठगों को पकड़ा है. इनके नाम जितेंद्र, दीपेन, मोहम्मद अहसान, तमाल, प्रियंक, अंकित, डोमिनिक, रोहन और राहुल है. इनसे हजारों की नकदी बरामद की गई है. आरोपियों ने साइबर ठगी के मामले में पुलिस को भी हैरान कर दिया है. पुलिस को मैनुअल सर्विलांस के जरिए जानकारी मिली कि एक फर्जी कॉल सेंटर चल रहा है, जिस पर छापेमारी की गई और वहां से 9 आरोपियों को पकड़ा गया. हालांकि, मामले में कुछ मुख्य आरोपी अभी भी फरार है. खास बात है कि इस मामले का चीन कनेक्शन भी सामने आया है. आरोपियों ने जो-जो खुलासे किए हैं उसे सुनकर पुलिस भी हैरान है.
डीसीपी ट्रांस हिंडन ज्ञानेंद्र सिंह के मुताबिक, पुलिस ने एक अभियान चलाया था, जिसमें क्राइम ब्रांच टीम ने साइबर ठगों को पकड़ा है. आरोपी मुख्य रूप से यूएसए के रहने वाले लोगों को मेल के माध्यम से टारगेट करते थे और उनके साथ ठगी करते थे. आरोपियों ने यूएसए के लोगों से अपने अकाउंट में रुपए ट्रांसफर करवाए थे. इनसे पास से 9 लैपटॉप के साथ मोबाइल फोंस और रुपए बरामद हुए हैं. इस मामले में कुछ और आरोपी भी हैं, जिनकी तलाश की जा रही है. डीसीपी के मुताबिक आरोपी सिर्फ चौथी, पांचवीं और 9वीं क्लास तक पढ़े हुए हैं, लेकिन इनको इंग्लिश में बात करने की पूरी ट्रेनिंग हासिल है. उसी ट्रेनिंग के जरिए यह इंग्लिश बोलना सीख गए और फॉरेनर्स से इंग्लिश में बात करके उनसे ठगी करते थे.
यह लोग विदेशी लोगों को चैट और कॉलिंग के जरिए फंसाते थे और अब तक करोड़ों रुपए की ठगी आरोपी कर चुके हैं और हजारों लोगों को ठग चुके हैं. खास बात है कि ठगी के रुपए को आरोपी चाइना में ट्रांसफर करवा देते और वहां से विभिन्न माध्यमों से भारत में पैसा ट्रांसफर करवाया जाता था. यह सब किस तरह से होता था इस पर भी पुलिस जांच कर रही है. पुलिस उन आरोपियों की तलाश कर रही है, जिन लोगों ने इन्हें ट्रेनिंग दी है. आरोपियों ने वर्चुअल नंबर के माध्यम से भी यूएसए के लोगों को संपर्क किया था. पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि वह यूएसए के लोगों के डिवाइस के बारे में उनसे अलग-अलग माध्यमों से डिटेल ले लिया करते थे. कभी लॉटरी निकलने के नाम पर तो कभी नई स्कीम देने के नाम पर उनके डिवाइस की डिटेल लेकर उसमें एक वायरस इंस्टॉल कर देते थे. इससे पीड़ित का डिवाइस हैक जाता था. हैक किए गए डिवाइस पर एक्सेस होते ही यह पीड़ितों के मोबाइल फोन से इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल करके डॉलर ट्रांसफर कर लिया करते थे.
Next Story