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गाजियाबाद जिले में सात महीने में 49 गर्भवती एचआईवी पॉजिटिव मिलीं
गाजियाबाद: जिले में हर वर्ष एचआईवी पीड़ित महिलाओं के प्रसव की संख्या बढ़ती जा रही है. इस साल सात महीने में 18 हजार से अधिक जांच में 49 गर्भवती महिलाएं एचआईवी संक्रमित मिलीं.
पिछले तीन साल में 111 एचआईवी महिलाओं का प्रसव जिला अस्पताल में कराया गया. इन संवेदनशील प्रसव में चिकित्सकों के सामने सबसे बड़ी चुनौती बीमारी का ट्रांसफॉर्मेंशन रोकने की होती है. लेकिन काफी प्रयास के बाद भी यह बच्चे में भी हस्तांतरित हो जाती है.
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत जिले में हर माह चार दिन गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) होती है. इसके तहत उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) चिन्हित की जाती है. पीएमएसएमए दिवस पर गर्भवती की सामान्य जांच के अलावा खानपान को लेकर काउंसलिंग की जाती है. इस साल जिला महिला अस्पताल में 2022-23 में 18528 गर्बवती महिलाओं की एचआईवी जांच की गई. इनमें से 49 महिलाओं में एचआईवी की पहचान की गई. चिन्हित महिलाओं में प्रसव के दौरान विशेष ध्यान रखा जाता है.
हेपेटाइटिस बी और सी ग्रस्त महिलाओं के प्रसव बढ़े महिला अस्पताल में हेपेटाइटिस बी और सी बीमारी से ग्रस्त गर्भवतियों का भी सुरक्षित प्रसव करया जा रहा. इस साल हेपेटाइटिस बी की 169 और हेपेटाइटिस सी की 76 गर्भवतियों की पहचान हुई.
हेपेटाइटिस सी
साल स्क्रीनिंग पॉजिटिव
2019-20 11662 72
2020-21 6886 42
2021-22 13433 89
2022-23 15388 76
हेपेटाइटिस बी
साल स्क्रीनिंग पॉजिटिव
2019-20 11840 125
2020-21 6870 99
2021-22 13393 152
2022-23 14723 169
एचआईवी संक्रमित गर्भवती
साल स्क्रीनिंग पॉजिटिव
2019-20 14288 36
2020-21 10322 26
2021-22 15624 39
2022-23 18528 49
एचआईवी और हेपेटाइटिस ऐसी बीमारी है, जिन्हें शिशु में हस्तांतरण रोकना चुनौती होती है. हालांकि जन्म के एक घंटे के अंदर बच्चे को हेपेटाइटिस का टीका लगा दिया जाता है और एचआईवी रोधी सिरप की डोज बच्चे को पिला दी जाती है. -डॉ. सुमाता तालिब, सीएमएस, जिला महिला अस्पताल