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48 घंटे बीते, पूरी नहीं हो सकी इंस्पेक्टर और दरोगा की जांच

व्यापारी हरीश गंगवार की हत्या के मामले में परिवार की ओर से किए गए प्रदर्शन के बाद आश्वासन तो दे दिया गया, लेकिन कार्रवाई की गति अभी भी सुस्त चाल है। पुलिस अभी तक इंस्पेक्टर और दरोगा पर लगाए गए आरोपों की सत्यता पता नहीं कर सकी है। वहीं, हत्यारों का सुराग लगाना तो दूर घटना की वजह तक पुलिस पता नहीं कर सकी है। उधर, परिवार वालों ने जल्द खुलासे की मांग की है।
बीसलपुर के मोहल्ला दुर्गाप्रसाद निवासी मेडिकल स्टोर स्वामी हरीश गंगवार छह सितंबर को असम चौराहा से लापता हो गए थे। वह काम के सिलसिले में पीलीभीत आए थे और असम चौराहा पर उतरने के बाद चालक को कार समेत वापस भेज दिया था। दूसरे दिन परिवार ने सुनगढ़ी थाने में गुमशुदगी दर्ज की। शनिवार को बरेली जनपद के थाना भुता क्षेत्र के ग्राम अठकोना में बड़ी नहर में व्यापारी का शव मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर पर लगी चोट से मौत होने की पुष्टि हुई थी।
परिवार ने बीसलपुर के बारह चौराहा पर पुलिस की लापरवाही के खिलाफ शव रखकर जाम लगा दिया था। एसपी ने इंस्पेक्टर सुनगढ़ी मदन मोहन चतुर्वेदी और असम चौकी इंचार्ज कमलेश कुमार पर लगे आरोपों की जांच एएसपी डा. पवित्र मोहन त्रिपाठी को दी थी। जांच गठित किए गए दो दिन बीत चुके हैं। हर बार की तरह इस बार भी मातहतों की लापरवाही की जांच कछुआ चाल चल रही है। 48 घंटे बाद भी इन आरोपों की सत्यता का पता नहीं लग सका है।
उधर, हत्या की दर्ज की गई रिपोर्ट में भी कार्रवाई में प्रगति नहीं हो सकी है। अभी तक संगीन हत्याकांड का खुलासा तो छोड़िये पुलिस वजह तक पता नहीं लगा सकी है। ऐसे में संगीन हत्याकांड की कार्रवाई दो दिन पहले हुई फजीहत के बाद भी रफ्तार नहीं पकड़ सकी है। उधर, परिवार के सदस्य खुलासे का इंतजार कर रहे हैं।
न्यूज़क्रेडिट: amritvichar