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नोएडा न्यूज़: कोरोना टीकाकरण प्रमाणपत्र नहीं होने से एक महीने में 50 लोग विदेश जाने से वंचित रह गए. विदेश जाने के लिए कोरोना के दो टीके लगाने का प्रमाण पत्र होना चाहिए. लोगों ने दावा किया कि दो टीके लगवाने के बावजूद उन्हें टीकाकरण प्रमाण पत्र नहीं मिला.
पिछले एक महीने से प्रत्येक दिन एक-दो लोग प्रतिदिन टीकाकरण अधिकारी के पास अपनी शिकायत लेकर आ रहे हैं. इनमें से ज्यादातर विदेश जानेवाले लोग हैं. लोगों की शिकायत यह है कि उनलोगों ने दोनों टीके लगवाए हैं, लेकिन पूर्ण टीकाकरण का प्रमाण पत्र नहीं मिला. जांच के बाद पता चला कि इन लोगों ने गौतमबुद्धनगर में नहीं बल्कि दूसरों शहरों में टीका लगवाया था. टीकाकरण अधिकारी डॉ. राजेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना टीकाकरण प्रमाण पत्र से संबंधित शिकायत लेकर आने वाले लोगों ने जिले में टीका नहीं लगाया है. इन लोगों का टीकाकरण दूसरे शहरों में हुआ है. ऐसे में टीकाकरण के समय ही प्रमाण पत्र से संबंधित जानकारी लोगों उसी शहर में लेनी चाहिए थी. अगर प्रमाणपत्र मोबाइल पर या पोर्टल पर अपडेट नहीं हुआ है, तो उसी दौरान ठीक करवाना चाहिए था. उनकी परेशानी और भी बढ़ने की आशंका है, क्योंकि पोर्टल पर अपडेशन का काम नहीं हो रहा है.
हज यात्रा करने वाले 46 लोगों ने नहीं लगवाया टीका हज यात्रा करने वाले 46 लोग टीका लेने नहीं आए, जबकि जिला प्रशासन से मिली सूचना के अनुसार इन लोगों के लिए टीके मंगा लिए गए थे. अबतक जिले में 400 लोगों को मेनेंजाइटिस का टीका दिया जा चुका है.
स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे लोगों से टीका नहीं लेने के कारणों के बारे में जानकारी ली, तो पता चला कि इन लोगों ने निजी अस्पतालों में टीका ले लिया है. इसके लिए एक व्यक्ति को 6000 रुपये खर्च करना पड़ा. स्वास्थ्य विभाग के पास उपलब्ध टीके स्वास्थ्य निदेशालय को लौटाया जाएगा.