उत्तर प्रदेश

14 करोड़ से बनीं 43 स्मार्ट पार्किंग

Admin Delhi 1
11 Oct 2023 4:03 AM GMT
14 करोड़ से बनीं 43 स्मार्ट पार्किंग
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40 सामान्य पार्किंग भी तीन साल से बंद पड़ीं

कानपूर: स्मार्ट सिटी ने 14.43 करोड़ से 43 स्थानों पर स्मार्ट पार्किंग तो बना दी, मगर एक भी चालू नहीं हुई. हकीकत यह है कि स्पेन के बार्सिलोना से मंगाकर लगाए गए 400 सेंसर भी जमीन के भीतर शोपीस बने हुए हैं. इन पार्किंगों में लगे डिस्पले बोर्ड चार सालों से यही बता रहे हैं कि कितने वाहनों की जगह खाली है. आज तक इन सेंसरों का इस्तेमाल वाहनों की ऑनलाइन बुकिंग के लिए नहीं हुआ. एक तरफ वाहन सड़कों पर बेतरतीबी से खड़े ट्रैफिक जाम का कारण बन रहे हैं तो वहीं स्मार्ट पार्किंग की स्मार्टनेस धूल फांक रही.

सेंसरों की यह है खासियत स्मार्ट पार्किंग में मैग्नेटिक सेंसर लगाए गए हैं. इसे टेक महिंद्रा ने स्पेन के बार्सिलोना से मंगाया था. जमीन से 1.5 फीट नीचे लगाए गए इन सेंसरों की खासियत है कि जलभराव के साथ अन्य किसी भी मौसम का इन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. हर वाहन के लिए निर्धारित स्थान के नीचे सेंसर लगे हैं, जो खुद भांप लेते हैं कि यह जगह रिक्त है या भरी. पार्किंग के बगल में ही लगे डिस्प्ले बोर्ड और स्मार्ट सिटी के एप्लीकेशन पर लोकेशन समेत ये सेंसर वाहनों की जगह रिक्त दर्शा रहे हैं. कहीं ऐसा न हो कि बिना पार्किंग चालू ये सेंसर काम ही करना बंद कर दें. भारी-भरकम रकम खर्च के बावजूद स्मार्ट सिटी और नगर निगम ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. वह भी तब, जब इस पार्किंग के लिए पीओएस मशीन आधारित हैंड हेल्ड टिकट मशीन और क्यूआर कोड आधारित टिकट शुल्क गणना प्रणाली शामिल है.

फंसा पेच तो अफसरों को मिला बहाना दरअसल, जब स्मार्ट पार्किंग का प्रोजेक्ट पूरा हो रहा था तो शासन का पार्किंग को लेकर नया आदेश नहीं आया था. आदेश आया तो इसमें साफ है कि ऐसी सारी पार्किंग के ठेके निरस्त कर दिए जाएं जहां टॉयलेट, पीने का पानी और शेड न लगा हो. इस सूरत में नगर निगम उन 40 पार्किंग के ठेके निरस्त कर दिए गए, जिनका हर साल मैनुअली ठेका हुआ करता था. इसी चक्कर में 43 स्मार्ट पार्किंग के चालू होने संकट के बादल छा गए. इसी पेच से अफसरों को नया बहाना मिल गया.

हमने चार स्थानों पर पार्किंग चालू की थी

यह निकला था हल, नहीं हुआ अमल

शासनादेश के पेच का हल भी निकल आया था. तीन साल पहले तत्कालीन कमिश्नर डॉ. राजशेखर ने यह निर्देश दिया था स्मार्ट सिटी ने स्मार्ट पार्किंग बना दी है, अब नगर निगम इन पार्किंग में शेड लगाए और टॉयलेट के साथ ही पेयजल का भी इंतजाम करे. स्मार्ट सिटी बोर्ड की बैठक में यह भी तय हुआ कि सड़कों के किनारे ऐसी कई और पार्किंग बनाई जाए ताकि वाहन सड़कों पर न खड़े हो सकें. हकीकत यह है कि आज तक नगर निगम ने किसी भी स्मार्ट पार्किंग को अपने अधीन लिया ही नहीं. हैंडओवर तक की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी.

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