उत्तर प्रदेश

3 केस दर्ज, समझा रहे थाना प्रभारी को दी गाली और मारने दौड़े

Admin4
29 Aug 2022 5:09 PM GMT
3 केस दर्ज, समझा रहे थाना प्रभारी को दी गाली और मारने दौड़े
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न्यूज़क्रेडिट: लाइवहिन्दुस्तान 

जिले में थूकने को लेकर दो पक्षों में जमकर मारपीट का मामला सामने आया है। थाने के बाहर भी दोनों पक्ष में मारपीट हुई। पुलिस ने मामला शांत कराया। मारपीट में घायल अजीत को लेने दूसरे दिन पुलिस अस्पताल पहुंची तो परिजनों ने अभद्रता की। थाना प्रभारी को गालियां देते हुए मारने दौड़े। वही अजीत तो स्ट्रेचर पर खड़े होकर थाना प्रभारी मनीष धाकड़ पर हमला करने की कोशिश करने लगा। मामला बिगड़ता देख पुलिस को अतिरिक्त बल बुलाना पड़ा। फिर पुलिस हमलावर युवक और उसके रिश्तेदारों को पीटकर घसीटते हुए थाने ले गई। यह देख परिवारवाले पुलिस वाहन के सामने लेट गए।

मामले में तीन FIR दर्ज की गई है। दो केस थूकने पर हुए विवाद के बाद क्रॉस रिपोर्ट को लेकर दर्ज हुए हैं। एक मामला पुलिस की तरफ से हमलावरों पर दर्ज किया गया है। प्रारंभिक पड़ताल में पता चला है कि पुलिस पर हमला करने वाला अजीत इलाके में रौब भी झाड़ता है। वह कई नेताओं से करीबी का दावा करता है।

हजीरा चंदन नगर स्थित नई बस्ती में देर रात अजीत सिंह भदौरिया ने पड़ोसी विपिन तोमर के घर के सामने थूक दिया था। इस पर विपिन ने उसे टोका। अजीत को विपिन का टोकना इतना नागवार गुजरा कि उसने गाली-गलौज के साथ हाथापाई कर दी। विवाद इतना बढ़ा कि मामला पुलिस तक पहुंच गया। हजीरा पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को थाने ले आई। थाने के बाहर दोनों पक्ष फिर भिड़ गए। समझाने पर भी नहीं माने तो पुलिस ने अजीत और विपिन दोनों पर सख्ती की।

घायल अजीत सिंह को पास ही हजीरा सिविल हॉस्पिटल में भर्ती किया गया। पुलिस उसे कोर्ट में पेश करने के लिए ले जाने से पहले अस्पताल पहुंची। यहां अजीत की मां का कहना था कि डॉक्टरों ने उसकी हालत नाजुक बताते हुए जेएएच में भर्ती कराने के लिए कहा है। पुलिस ने डॉक्टरों से बात करवाने को कहा लेकिन कोई भी डॉक्टर सामने नहीं आया। पुलिसकर्मी ने परिवार को समझाया कि कोर्ट में पेश करने के बाद जमानत मिलते ही अस्पताल में भर्ती करा दिया जाएगा।

यह सुनते ही अजीत का चाचा जितेंद्र भदौरिया पुलिसकर्मियों से बदसलूकी करने लगा। जितेंद्र खुद को कांग्रेस नेता बताने लगा।सीएसपी रवि भदौरिया ने बताया कि दो पक्षों में रात को झगड़ा हुआ था जिस पर दोनों पक्षों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई थी। एक पक्ष ने पुलिस से अभद्रता की और शासकीय कार्य में बाधा डाली है। जिस पर पुलिस ने उनके खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने पर मामला दर्ज किया है।

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