उत्तर प्रदेश

राष्ट्रीय लोक अदालत में मिट गया 27 साल का मनमुटाव

Admin Delhi 1
16 May 2023 2:05 PM GMT
राष्ट्रीय लोक अदालत में मिट गया 27 साल का मनमुटाव
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मुजफ्फरपुर न्यूज़: व्यवहार न्यायालय परिसर में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में आपसी सुलह के आधार पर वर्षों पुराने 2852 विवाद निपटाए गए. लोक अदालत में आए 30895 मामलों में 10,33,79,800 की राशि सेटलमेंट की गई. जिला विधिक सेवा प्राधिकार कार्यालय के अनुसार राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए 26 बेंचों का गठन किया गया था. इसमें सरकारी विभागों में लंबित 25952 मामलों में 1242 निपटाए गए. इसमें 5,56,00,500 की राशि सेटलमेंट की गई. वहीं कोर्ट में लंबित 4943 मामलों में 1610 मामले निपटाए गए. इसमें 4,77,79, 300 की राशि सेटलमेंट की गई.

राष्ट्रीय लोक अदालत में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष सह जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार सिन्हा और सचिव संदीप अग्निहोत्री पहुंचे. उन्होंने सभी बेंचों का निरीक्षण किया. इसके बाद डीडीसी आशुतोष द्विवेदी, एसएसपी राकेश कुमार, वरीय उपसमाहर्त्ता पूजा प्रीतम आदि भी राष्ट्रीय लोक अदालत में पहुंचे.

जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन सफल रहा. लोगों ने सालों पुरानी दुश्मनी भूल एक दूसरे को गले लगाया है. लोग खुश होकर घर गए हैं. जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव संदीप अग्निहोत्री ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत की सबसे बड़ी खूबसूरती इसमें हार-जीत का सवाल नहीं रहना है. यहां 30 लागों का आयुष्मान कार्ड भी बनाया गया. इसके अलावा दर्जनों लोगों को श्रम विभाग की योजनाओं की जानकारी दी गई.

अदालत में मिले, साथ रहने का वादा कर घर लौटे दंपती

बोचहां थाना के एक गांव में शादी के बाद 27 साल से अलग रह रहे पति-पत्नी को लोक अदालत ने मिला दिया. महिला को शादी के सात-आठ साल बाद पति प्रताड़ित करने लगा. महिला ने तीन बेटी को जन्म दिया. पति ने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर महिला को घर से निकाल दिया. 2016 में महिला ने फैमिली कोर्ट में केस कराया था. राष्ट्रीय लोक अदालत की मदद से महिला और उसके पति के बीच समझौता हो गया.

दोनों खुशी खुशी घर लौट गए.

छह साल बाद पति-पत्नी ने साथ रहने की ठानी

मीनापुर के एक गांव की महिला की शादी सदर थाना क्षेत्र निवासी युवक के साथ 2017 में हुई थी. दो माह बाद पति-पत्नी दिल्ली चले गए थे. शादी के डेढ़ साल तक सबकुछ ठीक रहा. इस बीच महिला 2018 में गर्भवती हो गई. 2019 में वह मां बनी. 2022 में उसकी पत्नी छोड़कर मायके चली गई. नहीं लौटी तो पति ने फैमिली कोर्ट में केस कराया. आज फैमिली कोर्ट के जज और राष्ट्रीय लोक अदालत की मदद से दोनों ने साथ रहने की ठानी.

दोनों एक साथ घर के लिए निकल गए.

सरकारी विभागों में लंबित केस

मामले आये - निबटारा - समझौता राशि

बैंक संबंधित - 24696-1239- 54196000

आपराधिक सुलहनीय केस-1256-3-1,404,500

कोर्ट में लंबित मामले

मामले आये - निबटारा - समझौता राशि

सुलहनीय आपराधिक केस - 3796-461-11000

एनआई एक्ट - 418-259-

क्लेम केस - 188-52-3,95,60,000

श्रम विवाद केस - 02-02-1001000

बिजली बिल केस- 298-279-7,20,73,00

वैवाहिक मामले - 10-09

सिविल केस- 231-548

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