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यूपी में मांग से 2562 मेगावाट अधिक बिजली, हाल के महीनों में बढ़ी 587 मेगावाट बिजली

लखनऊ न्यूज़: यूपी बिजली उपलब्धता में आत्मनिर्भर होता नजर आ रहा है. मौजूदा समय में सभी स्त्रत्तेतों से राज्य के पास 30337 मेगावाट बिजली की उपलब्धता है. पावर कारपोरेशन का पूर्वानुमान है कि इस साल अधिकतम मांग 27775 मेगावाट तक जा सकती है, उस स्थिति में भी राज्य के पास मांग से 2562 मेगावाट अधिक बिजली उपलब्ध रहेगी. इसका असर यह होगा कि गांवों व शहरों में अनावश्यक कटौती लगभग खत्म हो जाएगी.
हाल के महीनों में बढ़ी 587 मेगावाट बिजली कुछ महीनों में ही यूपी में बिजली की उपलब्धता में 587 मेगावाट का इजाफा हुआ है. उ.प्र. पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज के मुताबिक पिछले महीनों में यूपी को विंड पावर से 439 मेगावाट, सोलर पावर से 48 और एनटीपीसी से 100 मेगावाट तापीय बिजली की उपलब्धता बढ़ी है. यूपी के पास सभी स्त्रत्तेतों से हर समय बिजली की इतनी उपलब्धता है कि मांग यदि पूर्वानुमान का आंकड़ा भी पार कर जाए तब भी बिजली की कोई कमी नहीं होगी. बिजली की सबसे अधिक मांग उमस शुरू होने पर जून से अगस्त-सितंबर तक रहती है. यह अधिकतम मांग पिछले वर्ष 26589 मेगावाट तक थी.
नई तापीय परियोजनाएं शुरू होंगी यूपी में इस समय जिन नई तापीय परियोजनाओं पर काम चल रहा है, उनमें से चार तापीय परियोजनाओं से बिजली का शुरू हो रहे वित्तीय वर्ष 2023-24 में शुरू हो जाएगा. विद्युत उत्पादन निगम की निर्माणाधीन परियोजनाएं जवाहरपुर, पनकी, ओबरा-सी और घाटमपुर से इस साल 5280 मेगावाट अतिरिक्त बिजली का उत्पादन होने लगेगा. यह बिजली सस्ते दर पर कारपोरेशन को मिलेगी. इन इकाइयों के शुरू हो जाने पर उत्पादन में राज्य निर्भरता की तरफ तेजी से आगे बढ़ता नजर आएगा.
बिजली में जीएसटी के लिए कानून की तैयारी
बिजली उपभोक्ताओं को जीएसटी भी देना पड़ सकता है. ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार इसके लिए कानून बनाने पर मंथन कर रहा है. यह जानकारी देते हुए विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि कानून उपभोक्ताओं के साथ अन्याय होगा.