उत्तर प्रदेश

25 मिनट मौत के साए में रहा, कुछ देर और दबा रहता तो मौत निश्चित थी

Admin Delhi 1
26 Feb 2023 9:29 AM GMT
25 मिनट मौत के साए में रहा, कुछ देर और दबा रहता तो मौत निश्चित थी
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मेरठ: मैं कोल्ड स्टोरेज में सुंए से आलू के बोरे सिल रहा था। मेरे साथ आसपास ओर अन्य भी पल्लेदार बोरे सिलने में जुटे थे। तभी जोरदार धमाका हुआ। मुझे नहीं पता चला कि क्या हुआ, आंखों मे धूल सी भरी और मुंह में खून-सा आया। बस उसके बाद ऐसा लगा कि तू मर गया है। होश नहीं रहा। आंखों के सामने अंधेरा था, बेबस था, बोला भी नहीं जा रहा था। थोड़ा देर तक नहीं निकाला जाता तो मौत सामने खड़ी थी। यह जुबानी उस अशोक की है। जो करीब 25 मिनट तक दस फीट ऊंचे मौत के मलबे के ढेर के नीचे दबा था।

मेडिकल अस्पताल में भर्ती अशोक ने कोल्ड स्टोर के हादसे की जुबानी जब बयां की तो उसे देखकर लगा कि जाको राखे साईयां मार सके न कोई। जम्मू उधमपुर का रहने वाला जो अशोक दस फीट ऊंचे मलबे के नीचे दबा अपना हाथ उठाकर बार-बार बचाने के लिए संकेत दे रहा था। कि वह मलबे के नीचे दबा है। चारों ओर उसके र्इंटे पत्थर सीमेंट की बड़ी स्लैप पड़ी थी। देखकर लगता था कि वह नहीं बच पायेगा। जम्मू के जिला उधमपुर ग्राम जोफ्फड़, तहसील रामनगर निवासी अशोक अपने गांव के कुछ साथी मजदूरों के साथ शुक्रवार की सुबह तकरीबन 10 बजे दौराला कोल्ड स्टोरेज में पहुंच गया था।

वहां पहुंचते ही ठेकेदार जगदीश ने कहा कि अभी तुम आलू की बोरियां सिल लो। उसके बाद इन्हें कोल्डस्टोरेज में लगाना है। बस उन्होंने दोपहर का खाना खाया और आलू से भरी बोरियां सिलने लगा। इस काम में कुछ अन्य साथी भी लगे थे। कुछ साथी अलग चारपाई पर आराम कर रहे थे। तकरीबन तीन बजे से पहले की बात है अचानक धमाका होता है कोल्ड स्टोरेज में धूल का गुब्बार चारों ओर छा जाता है। इसके बाद उसे कुछ नहीं पता कि वह क हां है। मुझे थोड़ा थोड़ा यह आवाज आ रही थी कि इसके साथ वाला तो मर गया है, लेकिन ज्यादा होश नहीं था।

जिस तरह से चारों तरफ ऊपर से कोल्ड स्टोरेज की तीन चार मंजिल का मलबा नीचे गिरा। उस दशा में नहीं लगता था तू बच जायेगा। शनिवार की सुबह हल्का होश में आया तो अशोक अपने उन पलों को याद कर सिहर उठता है। उसे खुद भी याद नहीं कि वह कैसे बच गया।

उसने बताया कि अगर वह दस मिनट और अंदर मलबे में दबा रह जाता तो मौत निश्चित थी। अशोक ने बताया कि उसके दो बच्चे हैं। एक बडी बेटी पांच वर्ष नाम राधू देवी है। बेटा दो साल का है। पत्नी सबरना देवी और मां का नाम गीता देवी है। फोन पर उन्होंने सुबह ही बात की और मेरी आवाज सुनकर रोने लगे। बस लोगों ने मलबे से निकालकर उसे बचा लिया।

सात शवों का पोस्टमार्टम, जम्मू की प्रशासनिक टीम की सुपुर्दगी में दिए शव

दौराला स्थित कोल्ड स्टोर में हुए धमाके के दौरान सात मजदूरों की मौत के बाद शनिवार को मेडिकल मोर्चरी में उनका पोस्टमार्टम कराया गया। जम्मू, उधमपुर से आई प्रशासनिक टीम को देर शाम सभी सातों शव को सौंप दिया गया। पांच मृतक के परिवार के लोगों के न आने पर प्रशासनिक टीम सभी शवों को अपने साथ लेकर उनके आवास के लिए रवाना हो गए। जम्मू से 150 किमी दूर उधमपुर के जोफ्फड़ गांव के रहने वाले बलवंत 34 वर्षीय की शुक्रवार हादसे में मौत हो गई थी।

मृतक बलवंत के ससुर सोमराज मेडिकल मोर्चरी पहुुंचे और शव को देखकर रो पड़े। सोमराज ने बताया कि बलवंता के चार बेटियां हैं। पत्नी शामलो है। बड़ी बेटी 8 वर्ष, छोटी 6 वर्ष, तीसरी 4वर्ष, चौथी 2 वर्ष की है। सात मजदूरों के शव का पोस्टमार्टम कराया गया। इस दौरान जम्मू और उधमपुर सहित अन्य जिलों की प्रशासनिक टीम तहसीलदार जिला रामबन, जावेद शान सहित श्रमिक विभाग की टीम भी शनिवार को मेरठ मेडिकल पहुंच गई थी। जिनकी देखरेख में पोस्टमार्टम कराया गया। जम्मू, उधमपुर से मेरठ की दूरी ज्यादा होने व मृतक परिवारों के अत्यंत गरीबी होने की वजह से परिवार के लोग अपनों के शवों को लेने नहीं आ पाये थे। जिसके बाद सभी के शवों को प्रशासनिक टीम के साथ रवाना किया गया।

दो-दो लाख के दिए गए चेक

जनशक्ति कोल्ड स्टोर पर हादसे में मृतक परिवार को पूर्व विधायक चौधरी चन्द्रवीर सिंह के बेटे विवेक चौधरी ने दो लाख रुपये के चेक और घायलों को 25 हजार रुपये के चेक का वितरण किया है। पूर्व विधायक के बेटे ने कहा कि मृतक परिवार की हर संभव मदद की जाएगी। इस दौरान कल्लू चेयरमैन, रामबीर बड़कली, राकेश, रोमेश आदि मौजूद रहे।

सामाजिक संस्था ने मृतकों के परिवारों को दिए प्रति 11 हजार

जम्मू निवासी सात मजदूरों की मौत के बाद सामाजिक संस्था के माध्यम से साकेत निवासी निखिल वत्स ने संवेदना शोक व्यक्त करते हुए सातों मृतक परिवार को प्रति मजदूर 11 हजार रुपये धनराशि प्रदान की। मजदूरों की मौत पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए प्रशासनिक स्तर पर मदद दिलाने का आश्वासन दिया।

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