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इलाहाबाद न्यूज़: गरीबों को छत देने के लिए प्रदेश भर में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास योजना चलाई जा रही है, लेकिन इस योजना में भी लोग फर्जीवाड़ा करने से बाज नहीं आ रहे हैं. पिछले दिनों जिले में 56 लोगों ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर आवास योजना की पहली किस्त के 40 हजार रूपये (कुल राशि 22 लाख 40 हजार रूपये) ले ली. जब इसका सत्यापन हुआ तो ग्राम्य अभिकरण विभाग की ओर से सख्ती की गई और राशि वापस कराई गई. प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास योजना में गरीबों को आवास बनाने के लिए एक लाख 20 हजार रुपये की राशि दी जाती है. पिछले दिनों भुवन गांव में 40, उरुवा के बारी में 14 और कोरांव में दो लोगों ने फर्जीवाड़ा करके 40 हजार की पहली किस्त ले ली. लेखपाल और सचिव की रिपोर्ट के आधार पर पात्र पाए गए लोगों को राशि ग्राम्य अभिकरण विभाग से जारी कर दी गई.
पात्रों की सूची का दीवार पर लेखन हुआ और लोगों ने शिकायत दर्ज कराई. जिसके बाद भौतिक सत्यापन को विकास भवन से परियोजना निदेशक एके मौर्य खुद मौके पर जांच करने पहुंचे. जिसमें सच का खुलासा हुआ. जिसके बाद सभी पर कार्रवाई की बात कही गई और लोगों ने शासन का पैसा वापस किया.
4280 हुए जांच में बाहर: पिछले साल आवास के लिए जिले में 42992 का लक्ष्य दिया गया था. जिसके सापेक्ष लोगों ने आवेदन किए और पात्र लोगों के नाम शार्ट लिस्ट कर लिए गए. जब सत्यापन किया गया तो 4280 लोग ऐसे पाए गए, जिन्होंने गलत दस्तावेज लगाए थे.
तमाम लोगों ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर आवास की राशि ली थी. सत्यापन में सच सामने आया तो इन सबसे राशि वापस कराई गई. वहीं पहली किस्त जाने से पहले सत्यापन में 4280 लोग फर्जी पाए गए. सभी के नाम हटाए गए हैं.- एके मौर्य, पीडी, डीआरडीए