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48 हजार करोड़ के निवेश को 22 विभाग धरातल पर उतारेंगे
अलीगढ़ न्यूज़: ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में जनपद में आए 48 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश को धरातल पर लाने के लिए 22 विभागों के अफसरों को जिम्मेदारी दी गई है. जिन विभागों से निवेश आया है उन विभागों से एक-एक स्थाई अफसरों को नोडल अधिकारी नामित किया जाएगा. जिला उद्योग केंद्र ने प्रशासन को इसकी सूची सौंप दी. जल्द ही इसको फाइनल कर सार्वजनिक कर दिया जाएगा. नोडल अफसर निवेशकों व उद्यमियों से यूनिट स्थापित कराने में आ रही समस्याओं का निदान कराएंगे.
अलीगढ़ में स्थानीय के साथ गैर राज्यों व जनपदों के निवेशकों ने सरकार के साथ अलग-अलग सेक्टर में यूनिट स्थापित करने को करार किया है. बैंगलोर की आईटी कंपनी सबसे अधिक 28919 हजार करोड़ का निवेश करेगी. इसके बाद लॉजिस्टिक पार्क बनाने को 1000 हजार करोड़ व अलाना फूड प्रोसेसिंग कंपनी 1000 करोड़ का निवेश करेगी. शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, इंफ्रास्ट्रक्चर, फूड प्रोसेसिंग, बागवानी, कृषि, हाउसिंग सोसासटी में निवेशकों ने निवेश का करार किया है.
22 विभागों के अफसर निवेशकों से करेंगे संवाद ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट समाप्त होने के बाद अब एमओयू को धरातल पर लाने के लिए तैयारी शुरू हो गई है. 22 विभागों के अफसरों को इसकी जिम्मेदारी दी जाएगी. जिला उद्योग केंद्र ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. प्रशासनिक अफसर केवल नोडल अधिकारियों से ही जानकारी लेंगे.
इन विभागों के अफसर होंगे शामिल जिला उद्योग केंद्र, खाद्य प्रसंस्करण, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, यूपीसीडा, नेडा, कोआपरेटिव, एक्साइज, टेक्सटाइल, एडीए, फूड एंड सेफ्टी, यमुना एक्सप्रेस वे अथारिटी, एमएसएमई, उप्र एक्सप्रेस इंडस्ट्रीयल डेवलमेंट, उप्र राज्य इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट समेत अन्य विभागों के अफसरों को जिम्मेदारी दी जाएगी. इसके अलावा एनओसी देने वाले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सहायक निदेशक कारखाना, फायर, विद्युत, विद्युत सेफ्टी विभाग के अफसरों की एनओसी को लेकर जिम्मेदारी होगी.
जिला उद्योग केंद्र के नाम आई फ्लैट एंड फैक्ट्री की जमीन एएमयू बिहारी नगर के पास 16 बीघा सरकारी जमीन जिला उद्योग केंद्र के नाम हो चुकी है. यहां पर दो मंजिला फ्लैट एंड फैक्ट्री का निर्माण किया जाएगा. मझोले निवेशकों को यहां पर मौका दिया जाएगा. 200 से 400 स्काक्वायर मीटर की जगह में एक फैक्ट्री बनेगी. इसमें अप्रदूषण कारी कारखानों को अनुमति दी जाएगी. रेडीमेड, टेक्सटाइल, पैकेजिंग समेत कम मशीनरी का इस्तेमाल करने वाले उद्योग शामिल होंगे. निर्माण को लेकर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है.