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- जेल में 2 कैदियों ने...
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गाजियाबाद। गाजियाबाद की डासना जेल में एक चौकांने वाला मामला सामने आया है। यहां पर 2 लोगों को बिजली चोरी के आरोप में बंद किया गया था, लेकिन दोनों ने आपस में अपने नाम बदल लिए और जिस शख्स की जमानत हुई वो जेल ही में बंद रहा। वहीं उसका दूसरा साथी रिहा हो गया। जानकारी के मुताबिक जेल में बंद दूसरे बंदी को अदालत ने तलब किया तो उसने अपना असली नाम बता दिया। जैसे ही बंदी ने अपना असली नाम बताया तो हर कोई हैरान रह गया। पूरा मामला उजागर होने के बाद अदालत ने दोबारा से उसे कस्टडी में लेने के बाद सलाखों के पीछे भेजा। उधर जेलर की तरफ से दोनों के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज कराया गया है।
जेल अधीक्षक आलोक सिंह ने बताया कि 17 दिसंबर 2022 को थाना सिंभावली जिला हापुड़ के रहने वाले बाबू और ताराचंद नाम के 2 लोगों को जेल में दाखिल कराया गया था। उस वक्त दोनों बंदियों के अभिरक्षा वारंट पर ना तो कोई फोटो लगा था और ना ही आधार कार्ड या कोई अन्य पहचान पत्र प्रस्तुत किया गया। जेल में दाखिले के बाद जेल में स्थापित ई प्रिजन सिस्टम पर उन बंदियों के जरिए बताए गए नाम के आधार पर प्रविष्टियां और फोटो लगा दिए गए। उधर जेल में दोनों लोगों ने आपस में एक-दूसरे के नाम भी बदल लिए। विचाराधीन बंदी बाबू का रिहाई आदेश जेल पर मिलने के बाद फाइल में नाम और अन्य विवरण, फोटो का मिलान करने के बाद बंदी बाबू को 10 जनवरी 2023 को रिहा कर दिया गया।
उन्होंने बताया कि 10 जनवरी 2023 को जेल में बंद बाबू के अधिवक्ता की तरफ से बाबू का जमानती पत्र जेल में प्राप्त हुआ उसके आधार पर उसे रिहा किया गया। यानी जमानत बाबू को मिली थी और ताराचंद की रिहाई हो गई। अदालत ने दूसरे बंदी ताराचंद को तलब किया तो उसने अपना असली नाम बताया तो इस मामले का खुलासा हुआ। इस पूरे मामले का खुलासा हुआ तो अदालत ने तत्काल प्रभाव से रिहा होने वाले ताराचंद को भी गिरफ्तार करने के आदेश दिए और उसे सलाखों के पीछे भेज दिया। उन्होंने बताया कि फिलहाल जेलर की तरफ से दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराते हुए अग्रिम वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।
Admin4
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