उत्तर प्रदेश

'हनुमान चालीसा' पढ़ने पर इंटर कॉलेज से निकाले गए 2 हिंदू छात्र, प्राचार्य की गिरफ्तारी की मांग

Bhumika Sahu
2 Aug 2022 7:35 AM GMT
हनुमान चालीसा पढ़ने पर इंटर कॉलेज से निकाले गए 2 हिंदू छात्र, प्राचार्य की गिरफ्तारी की मांग
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प्राचार्य की गिरफ्तारी की मांग

लखनऊ: रामनगरी अयोध्या में फैजे आम मुस्लिम कॉलेज नामक एक इंटर कॉलेज स्थित है। यह कॉलेज इन दिनों विवादों में घिरा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस कॉलेज से 2 हिंदू छात्रों को केवल इसलिए निकाल दिया गया, क्योंकि उन्होंने हनुमान चालीसा पढ़ी। वहीं एक पीड़ित छात्र ने बताया है कि उनसे कुरान पढ़ने के लिए कहा जा रहा था, जिसके बाद उन्होंने हनुमान चालीसा पढ़ी।

रिपोर्ट के मुताबिक, कॉलेज से निकले गए हिंदू छात्रों पर धार्मिक उन्माद फैलाने का इल्जाम है। किन्तु, एक पीड़ित छात्र का कहना है कि कुरान के स्थान पर हनुमान चालीसा पढ़ने के कारण कॉलेज से उसका नाम काट दिया गया। वहीं, दूसरे छात्र को तो इसकी वजह भी नहीं पता कि उसका नाम क्यों काटा गया। 11वीं कक्षा के स्टूडेंट सौरव यादव ने बताया कि वह मुस्लिम छात्र के साथ बैठकर रहीम के दोहे पढ़ रहा था। इसी बीच मुस्लिम छात्र ने आपत्ति जताते हुए उसे दोहे के स्थान पर कुरान पढ़ने को कहा। साथ ही मुस्लिम छात्र अकबर की तारीफ करने लगा, इसके बाद सौरव यादव भी रामायण और हनुमान चालीसा का पाठ करने लगा। मुस्लिम छात्रों ने कॉलेज प्रबंधन से इसकी शिकायत कर दी। सौरव का कहना है कि प्रबंधन ने उसकी बात सुने बिना ही कॉलेज से उसका नाम काट कर टीसी थमा दी।
बता दें कि कॉलेज प्रबंधन ने छात्र सौरव के साथ एक अन्य स्टूडेंट माधवेंद्र प्रताप सिंह का नाम भी कॉलेज से काटा है। माधवेंद्र का कहना है कि उसे इस बारे में कोई जानकारी भी नहीं थी। फिर भी कॉलेज से उसका नाम काट दिया गया। उसका कहना है कि वह कक्ष में बैठकर साइंस की होमवर्क कर रहा था। इस बीच क्या हुआ, उसे कुछ भी पता नहीं। वहीं, कॉलेज के प्रबंधक मोहम्मद अख्तर सिद्दीकी ने दोनों हिंदू छात्रों के आरोपों को सिरे से नकार दिया है। उन्होंने इसे साजिश बताया है। प्रबंधक का कहना है कि कॉलेज की गरिमा को गिराने की साजिश की जा रही है। उधर, विश्व हिंदू परिषद (VHP) के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने इस मामले में कॉलेज प्रिंसिपल और मैनेजर को अरेस्ट करने की माँग की है। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि तीन दिन में कार्रवाई नहीं हुई तो सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने इस मुद्दे को रखा जाएगा।


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