उत्तर प्रदेश

पिता को लिवर दान करने की अनुमति चाहता था 17 साल का बेटा

Shantanu Roy
9 Sep 2022 12:16 PM GMT
पिता को लिवर दान करने की अनुमति चाहता था 17 साल का बेटा
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लखनऊ। यूपी में एक 17 साल के लड़के ने पिता को लिवर ट्रांसप्लांट करने की अनुमति लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका पेश की थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को इसका नोटिस जारी कर जवाब मांगा है और सुप्रीम कोर्ट ने इस लड़के की याचिका पर यूपी के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को सुनवाई की अगली तारीख यानी 12 सितंबर को उपस्थित रहने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि लीवर दान किया जा सकता है या नहीं, यह देखने के लिए नाबालिग का प्रारंभिक परीक्षण किया जाना है। बता दें कि इस याचिका के अनुसार 17 साल के लड़के ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि उसके पिता की हालत गंभीर है। उन्हें लिवर ट्रांसप्लांट की बेहद जरूरत है। इसके लिए उसने शीर्ष अदालत से अनुमति मांगी है। देश का कानून कुछ हालात को देखते हुए ही नाबालिगों को शरीर के अंगों के दान की अनुमति देता है। ट्रांसप्लांटेशन ऑफ ह्यूमन ऑर्गन्स एंड टिशू रूल्स 2014 में कहा गया है कि नाबालिग के अंगों के दान के लिए राज्य सरकार और संबंधित अथॉरिटी से मंजूरी जरूरी होगी।
इसलिए सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई यूयू ललित के नेतृत्व वाली पीठ ने शुक्रवार को 17 साल के लड़के की याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के स्वास्थ्य विभाग से इस याचिका पर नोटिस जारी करके जवाब मांगा है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्री से कहा है कि वह उसके आदेश को राज्य सरकार और उसके स्वास्थ्य सचिव तक पहुंचाए। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को सुनवाई की अगली तारीख यानी 12 सितंबर को उपस्थित रहने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि लीवर दान किया जा सकता है या नहीं, यह देखने के लिए नाबालिग का प्रारंभिक परीक्षण किया जाना है।
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