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16 हजार युवाओं को मिलेगा रोजगार, 3350 करोड़ का निवेश करेंगी ये 3 कंपनियां
लखनऊ : इलेक्ट्रॉनिक्स मेन्युफैक्चरिंग और डेटा सेंटर का हब बनने बनने के बाद नोएडा फिनटेक (फाइनैंशल सेक्टर की टेक्नॉलजी आधारित कंपनियां) और आईटी कंपनियों की पसंद भी बनता जा रहा है। नोएडा में पेटीएम, माइक्रोसॉफ्ट और अमेरिकी सॉफ्टवेयर कंपनी एमएक्यू निवेश करेंगी। तीनों कंपनियां 3,350 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी। दावा है कि इससे 16,000 से ज्यादा लोगों को रोजगार के अवसर मुहैया होंगे। आईटी ऐंड इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग को तीनों कंपनियों की तरफ से निवेश प्रस्ताव मिले हैं। जल्द ही इन कंपनियों के निवेश प्रस्तावों को कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इसमें कंपनियों को दी जाने वाली रियायतों को मंजूरी दी जाएगी।
पेटीएम का निवेश : 650 करोड़
पेटीएम नोएडा में 650 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इस निवेश के जरिए कंपनी पूरे भारत में अपनी सेवाओं का विस्तार करने की तैयारी कर रही है। यहां फाइनैंशल सेवाओं को विस्तार देने के लिए सॉफ्टवेयर विकसित किया जाएगा। इसके अलावा कुछ स्टार्टअप्स पर भी काम किया जाएगा। आईटी ऐंड इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के अधिकारियों के मुताबिक कंपनी दो चरणों में निवेश करेगी। इसमें पहले चरण में करीब 3,000 और दूसरा चरण पूरा होने के बाद 3,000 लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
माइक्रोसॉफ्ट का निवेश : 2,200 करोड़
दुनिया की टॉप सॉफ्टवेयर कंपनियों में से एक माइक्रोसॉफ्ट भी नोएडा में अपनी यूनिट लगाएगी। इसके जरिए कंपनी करीब 2,200 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इस यूनिट में सॉफ्टवेयर डिवेलपमेंट के लिए काम किया जाएगा। इससे 3,500 से अधिक युवाओं को रोजगार मिलने की उम्मीद है।
एमएक्यू का निवेश : 500 करोड़
अमेरिकी सॉफ्टवेयर कंपनी एमएक्यू भी नोएडा में निवेश करेगी। कंपनी की नोएडा में करीब 500 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना है। इसके लिए कंपनी को नोएडा प्राधिकरण ने जमीन आवंटित कर दी है। इस यूनिट में कंपनी सॉफ्टवेयर डिवेलपमेंट का काम करेगी। इस यूनिट के शुरू होने से पहले चरण में करीब 2,500 और दूसरे चरण में 3,500 लोगों को रोजगार मिलेगा।
आईटी ऐंड इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक इन कंपनियों के अलावा भी आईटी क्षेत्र की कई और कंपनियों ने ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी में निवेश करने के प्रस्ताव दिए हैं। इन प्रस्तावों पर राज्य सरकार जल्द ही फैसला लेगी। इसमें भारतीय कंपनियों के साथ-साथ कई विदेशी कंपनियां भी शामिल हैं।