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15 यात्री घायल, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे बस हुई दुर्घटनाग्रस्त
उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में चौबिया इलाके में बनी हरदू गांव के पास आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे के सर्विस पर नोएडा से आ रही एक स्लीपर बस के दुर्घटनाग्रस्त होने से 15 यात्री घायल हो गए. बस में दुर्घटना के समय 60 यात्री सवार थे. इटावा के पुलिस अधीक्षक ग्रामीण सत्यपाल सिंह ने बताया कि नोएडा से औरैया जिले के बिधूना जा रहे स्लीपर बस चौबिया थाना क्षेत्र के तहत बनी हरदू गांव के पास आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे की सर्विस रोड पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई. दुर्घटना की सूचना मिलने के बाद चौबिया थाना के अलावा उसराहार थाना पुलिस ने घायलों को उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया गया.
मिल रही जानकारी के मुताबिक घायलों को घटनास्थल से सरसईनावर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है. जिनका उपचार डॉक्टरों की टीम करने में जुटी हुई है. पुलिस अधीक्षक के मुताबिक बस के फरार चालक और परिचालक की सरगर्मी से तलाश की जा रही है. बस के संचालन को लेकर भी पूरी तहकीकात गहनता के साथ की जा रही है. इस हादसे में किसी को कोई गंभीर चोट नहीं आई. बस नंबर के अनुसार बस के मालिक की तलाश की जा रही है. हादसे की शिकार हुई बस नोएडा से औरैया जिले के बिधूना जा रही थी.
खेतों में काम कर रहे लोगों ने की मदद
हादसे के बाद बस में यात्री फंस गए जिससे अफरा तफरी मच गई. बस पलटी हुई देख कर खेतों में काम कर रहे किसानों ने भागकर लोगों को बाहर निकाला। ऐसा कहा गया कि स्लीपर बस आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे के चैनल नंबर 116 चौपुला कट पर उतरने के बाद एक्सप्रेसवे की सर्विस रोड से औरैया जिले के बिधूना की ओर जा रही थी. तभी अचानक बस बेकाबू होकर सड़क किनारे लगे हुए बिजली के खंबों को तोड़ती हुई एक्सप्रेसवे के किनारे गहरे गड्ढे में दुर्घटनाग्रस्त हो गई.
अवैध रूप से बसों का हो रहा संचालन
स्लीपर बस के दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना मिलने के बाद चौबिया थाना प्रभारी जय प्रकाश और उसराहार थाना प्रभारी गंगादास गौतम पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस ने एंबुलेंस से घायलों को सरसईनावर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। यह कोई पहला मामला नहीं है जब आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे या उसकी सर्विस रोड पर कोई स्लीपर बस दुर्घटनाग्रस्त हुई हो. इससे पहले भी कई दफा इसी तरह से हादसे दर हादसे होते आए है, लेकिन बसों का संचालन जारी है. जानकार ऐसा भी कहते हैं कि अवैध रूप से बसों का संचालन होता है और इसी वजह से तीव्र गति से बसों को दौड़ाया जाता है जिनकी ना तो कोई जांच होती है ना ही कोई पड़ताल की जाती है और जब कोई हादसा घटित हो जाता है तो बस में सवार यात्रियों की ना केवल जान चली जाती है बल्कि वह गंभीर रुप से घायल भी हो जाते हैं.