उत्तर प्रदेश

कुपोषण और बीमारी से 12 साल के अनाथ बालक की मौत

Ritisha Jaiswal
15 Jun 2022 8:39 AM GMT
कुपोषण और बीमारी से 12 साल के अनाथ बालक की मौत
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सरकार की कल्याणकारी योजनाएं बड़गो बंसवारी गांव के 12 साल के अनाथ झीनक, सात वर्षीय करन, पांच वर्षीय अजय तक नहीं पहुंच पाईं।

सरकार की कल्याणकारी योजनाएं बड़गो बंसवारी गांव के 12 साल के अनाथ झीनक, सात वर्षीय करन, पांच वर्षीय अजय तक नहीं पहुंच पाईं। मंगलवार को कुपोषण और टीबी के चलते झीनक की मौत हो गई। वह कूड़ा बिनकर अपना व दो छोटे भाइयों (करन व अजय) का पेट पालता था। झीनक कई दिनों से बीमार था। उसकी मौत के बाद दोनों छोटे भाइयों का जीवन खतरे में पड़ गया है।

जानकारी के अनुसार, सिकरीगंज के बड़गो बंसवारी गांव के राजकुमार पत्नी और तीन बच्चों के साथ गगहा के रावतपार में रहकर मजदूरी करते थे। वर्ष 2019 में राजकुमार की पत्नी की बीमारी के कारण मौत हो गई। साल 2021 में राजकुमार की भी बीमारी के कारण मौत हो गई। माता-पिता की मौत के बाद तीनों बच्चे अनाथ हो गए।
इनके भरण पोषण की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली। एक दिन अनाथ बच्चों पर बेलदार गांव के सुशील यादव की नजर पड़ी, तो उन्होंने बच्चों को अपनी दुकान में रहने के लिए एक कमरा दे दिया। 12 साल का झीनक कूड़ा बिनता था। उसे बेचकर जो पैसे मिलते थे उसी से तीनों भाई गुजारा करते थे। तीनों ही स्कूल नहीं जाते।
बताया गया कि पिछले दिनों झीनक की तबीयत खराब हो गई। इसके बाद वह न तो काम पर जा पाया, न ही उसका इलाज हो पाया। वह कमरे में लेटा रहता था। दोनों छोटे भाइयों की समझ में नहीं आया कि क्या करें। दोनों अपने बड़े भाई के पास बिना खाए-पिए बैठे रहते। मंगलवार को झीनक की मौत हो गई। दोनों छोटे भाइयों की भी हालत ठीक नहीं है। वे भी बीमार और कुपोषित नजर आ रहे हैं। झीनक की मौत के बाद गगहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की टीम बच्चों के पास पहुंची।
कभी-कभी बिना खाए-पिए सो जाते थे
झीनक के छोटे भाइयों ने बताया कि वे कभी-कभी बिना खाए-पिए सो जाते थे। लोगों का कहना है कि सरकारी सुविधा के अभाव और पैसे नहीं होने के कारण झीनक की मौत हुई है।
गगहा सीएचसी प्रभारी बृजेश कुमार बरनवाल ने कहा कि मंगलवार शाम को बालक झीनक के बीमार होने की जानकारी मिली। इलाज की योजना बनाई जा रही थी कि पता चला कि बालक की मृत्यु हो गई है। डॉक्टरों का कहना है कि कुपोषण और टीबी की बीमारी के कारण झीनक की मौत हुई है।
बांसगांव एसडीएम दिग्विजय सिंह ने कहा कि तीनों बच्चों के बारे में पहले से जानकारी नहीं थी। सरकारी सुविधा उन तक क्यों नहीं पहुंची, इसकी जांच कराई जाएगी। दोनों भाइयों के त्वरित इलाज और बेहतर जीविका के लिए जल्द ही उचित व्यवस्था की जाएगी।


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