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नामी कंपनी की फ्रेंचाइजी के नाम पर 12 लाख ठगे, तीन गिरफ्तार
वाराणसी: टायर की नामी कंपनी की फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम 12 लाख की ठगी में साइबर पुलिस ने सरगना समेत तीन शातिरों को बिहार के मोहब्बतपुर (शेखपुरा) से गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से 14 मोबाइल, एक लैपटॉप, दो डेबिट कार्ड बरामद किया गया है.
साइबर थाना प्रभारी विजय नारायण मिश्र ने बताया कि जौनपुर के अबुजर अहमद के साथ साइबर ठगी हुई थी. मुकदमा दर्ज होने के बाद शुरू हुई छानबीन में शेखपुरा के मोहब्बतपुर निवासी सरगना गुलशन कुमार, विपिन सिंह, कुंदन कुमार के नाम आए. उन्हें उनके घर से गिरफ्तार किया गया.
गुलशन का गिरोह साइबर ठगी में लम्बे समय से सक्रिय है. गिरोह के सदस्य पटना व शेखपुरा में रहते हैं. लोगों को फंसाने के लिए नामी टायर कंपनी के दो फर्जी वेबसाइट बनाए हैं. उन पर फ्रेंचाइजी व डीलरशिप का विज्ञापन प्रकाशित है जिसे देख लोग झांसे में आ जाते हैं. कुंदन कुमार इंटरनेट व मोबाइल बैकिंग का जानकार है. विपिन सिंह बैंक खातों तथा सिम कार्ड का प्रबंध करता था. गिरफ्तारी करने वाली टीम में उप निरीक्षक नीलम सिंह, हेडकांस्टेबल आलोक सिंह, प्रभात द्विवेदी, राजेंद्र पांडेय, कांस्टेबल चंद्रशेखर यादव, पृथ्वीराज सिंह, अवनीश सिंह, दिलीप कुमार, मनीष कुमार सिंह, सूर्यभान सिंह हैं.
बीएचयू के ट्रामा सेंटर में नौकरी के नाम पर ठगी
छित्तूपुर (लंका) के राधेश्याम विश्वकर्मा की शिकायत पर लखनऊ के श्रीनाथनगर पारा निवासी मोहित श्रीवास्तव पर ठगी का केस दर्ज हुआ है.
वह खुद को बीएचयू ट्रामा सेंटर का उच्च प्रशासनिक अफसर बताता था. राधेश्याम के बेटे की नौकरी के लगवाने के नाम पर 4.77 लाख रुपये लेकर चंपत हो गया. कोर्ट के आदेश पर लंका पुलिस ने केस दर्ज किया है.
राधेश्याम ने बताया कि मोहित पड़ोसी छोटेलाल पटेल के मकान में किराये पर रहता था. कहता था कि उसने कई लोगों की ट्रामा सेंटर में नौकरी लगवाई है. राधेश्याम ने बेटे प्रिंस कुमार की नौकरी के लिए बात की. मोहित को पिछले वर्ष जनवरी-फरवरी में कई बार में कुल चार लाख 77 हजार रुपये दिए. मोहित ने जून में नौकरी लगवाने का आश्वासन दिया. इस बीच 10 जून की रात सामान समेट कर भाग निकला.