उत्तर प्रदेश

12 ब्लैक स्पॉट, तीन साल में हादसों में गई 241 लोगों की जान

Admin4
13 July 2022 8:56 AM GMT
12 ब्लैक स्पॉट, तीन साल में हादसों में गई 241 लोगों की जान
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आगरा में एत्मादपुर से कीठम तक हाईवे पर हर पल जान का खतरा बना रहता है। इसी दूरी के बीच तीन साल में 319 हादसे हुए हैं।

आगरा में एनएच-19 पर एत्मादपुर स्थित नोएडा एक्सप्रेसवे के कट से कीठम तक हर पल जान का खतरा रहता है। 35 किलोमीटर तक हाईवे पर 12 ब्लैक स्पॉट हैं। तेज रफ्तार तो कभी वाहन चलाते समय जरा सी गलती जान पर भारी पड़ रही है। वर्ष 2019, 2020 और 2021 में हाईवे पर 319 हादसों में गई 241 की जान जा चुकी है। 208 लोग घायल हो चुके हैं।

ब्लैक स्पॉट पर हादसे

वर्ष हादसे मौतें घायल

2019 161 119 106

2020 71 53 49

2021 87 69 53

गुरुद्वारा गुरु का ताल कट पर कोई चेतावनी नहीं

गुरुद्वारा गुरु का ताल कट पर 20 दिन में दो हादसे हुए। एक में बाइक सवार की जान गई थी, जबकि दूसरे में पांच साल के बच्चे की मौत हुई। कट से पहले और बाद में न तो दुर्घटना बहुल क्षेत्र का बोर्ड लगा है और न ही गति सीमा का। इससे कट पर सिकंदरा और आईएसबीटी की तरफ से आने वाले वाहन तेज गति से निकलते हैं। कट पर टर्न लेने और पास करने वाले वाहनों से हादसे का खतरा बना रहता है।

तीन साल में पांच से अधिक हादसे तो ब्लैक स्पॉट

एसपी यातायात अरुण चंद ने बताया कि तीन साल में जिस स्थान पर पांच या पांच से अधिक हादसे होते हैं, या फिर दस लोगों की एक साथ मौत होती है, उस स्थान को ब्लैक स्पॉट के रूप में रखा जाता है। देखा जाता है कि किस कमी की वजह से हादसा हुआ। अगर, मानवीय भूल है तो कुछ नहीं कर सकते हैं।

रोड इंजीनियरिंग में कमी होने पर दूर की जा सकती है। एक ब्लैक स्पॉट की परिधि तकरीबन 500 मीटर तक की होती है। इस स्थान पर दुर्घटना बहुल क्षेत्र होने का बोर्ड लगाया जाना चाहिए। गति सीमा बताने वाले भी बोर्ड लगे हों, जिससे लोग नियमों का पालन कर सकें। ऐसे स्थान पर पुलिसकर्मियों की भी ड्यूटी लगाई जाती है।

कारण पता कर समस्या दूर करेंगे

एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने कहा कि जिला स्तर पर कमेटी ब्लैक स्पॉट का निर्धारण करती है। हादसों का कारण पता किया जाएगा। इसके बाद समस्या को दूर कराया जाएगा।

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