उत्तर प्रदेश

स्टाफ की कमी से बंद हैं 11 माड्यूलर ओटी, 300 बेड

Admindelhi1
14 March 2024 4:30 AM GMT
स्टाफ की कमी से बंद हैं 11 माड्यूलर ओटी, 300 बेड
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गोरखपुर: एम्स के संचालन में मानव संसाधन की कमी बड़ा मसला बनती जा रही है. इसमें चिकित्सक के साथ ही तकनीकी स्टॉफ, तकनीशियन, पैरामेडिकल स्टॉफ व सफाईकर्मी शामिल हैं. इसके कारण एम्स में 11 मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर (ओटी) बंद हैं. जबकि 300 बेड पर भी मरीजों की भर्ती नहीं शुरू हो सकी है.

वर्ष 2019 में गोरखपुर एम्स का उद्घाटन हुआ था. अब यहां सर्जरी, महिला रोग, बाल रोग, हड्डी रोग, दंत रोग, मानसिक रोग, आयुष आदि विभागों का संचालन हो रहा है. 30 बेड की इमरजेंसी सुविधा भी है. लेकिन इनडोर में अभी कम मरीज ही भर्ती किए जा रहे हैं.

एम्स कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है. चार साल बाद भी यहां डॉक्टर से लेकर सफाईकर्मी तक के पद रिक्त हैं. इसका असर यह है कि इस अस्पताल में अभी भी 750 बेड की बजाय केवल 450 बेड पर ही मरीज भर्ती किए जा रहे हैं.

सीएम को दी रिपोर्ट ब्लड बैंक व डायलिसिस यूनिट के उद्घाटन एम्स प्रेसिडेंट देश दीपक वर्मा ने संस्थान की प्रगति की चर्चा करते हुए कहा कि अब यहां ओपीडी में हर दिन करीब ढाई हजार मरीज देखे जा रहे हैं. अब तक 16 लाख से अधिक मरीज ओपीडी में आ चुके हैं. लेकिन इनडोर की व्यवस्था को ठीक करने की आवश्यक्ता है. उन्होंने सीएम को बताया मैन पावर बढ़ने के साथ ही व्यवस्थाएं दुरुस्त होंगी.

नर्सिंग स्टाफ की सर्वाधिक दरकार

कार्यकारी निदेशक डॉ. जीके पाल ने बताया कि वार्ड में मरीज भर्ती करने में सबसे अधिक दिक्कत नर्सिंग स्टाफ की कमी के चलते आ रही है. बेहतर इलाज के लिए डॉक्टर के अलावा भर्ती मरीज को समय-समय इंजेक्शन, ड्रेसिंग, दवा खिलाने से लेकर बेड और वार्ड की सफाई जरूरी है. एक तो अधिकांश विभाग में जूनियर और सीनियर डॉक्टरों की कमी है, ऊपर से नर्सिंग स्टॉफ भी नहीं हैं. इस वजह से मरीज भर्ती ही नहीं किए जा रहे.

हम अभी 450 बेड ही क्रियाशील कर पाए हैं. डॉक्टरों के प्रमोशन के अलावा अन्य पदों पर नियुक्ति के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं. करीब तीन महीने में हम व्यवस्था को पटरी पर ला पाएंगे. जून तक सभी विभागों में बेड के अनुरूप मरीज भर्ती किए जाने की स्थिति हो जाएगी.

- डॉ. जीके पाल, कार्यकारी निदेशक एम्स

डॉक्टर व अन्य सपोर्टिंग स्टॉफ की कमी सेे दिक्कत आ रही है. अपने पहले विजिट में ही तत्कालीन कार्यकारी निदेशक को व्यवस्था में सुधार के निर्देश दिए थे. नए कार्यकारी निदेशक ने इस ओर ध्यान दिया. शेष बेडों को भी मरीज भर्ती के अनुकूल बनाने के लिए प्रयास किया जा रहे हैं.

- देशदीपक वर्मा, प्रेसिडेंट, गवर्निंग बॉडी

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