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बारिश से नदियों के जलस्तर खतरे के निशान की ओर बढ़ रहे हैं। इससे जिले की तीन तहसीलों के 18 गांवों की 11351 आबादी पर फिर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। वर्तमान में सरयू का जलस्तर खतरे के निशान से मात्र 1.46 सेमी नीचे रह गया है। वहीं बैराजों से पानी का डिस्चार्ज 86 हजार 371 क्यूसेक से बढ़कर एक लाख 95 हजार 492 क्यूसेक हो गया है।
लगातार जारी बारिश और पहाड़ी नदियों से पानी आने की वजह से जिले के 18 गांवों में बाढ़ का आना तय माना जा रहा है। इसमें 12 गांवों के पूरी तरह से जलमग्न होने का भी खतरा बढ़ता जा रहा है, जिस तरह से जल स्तर अभी बढ़ रहा है, उसके हिसाब से एक सप्ताह बाद तक कुछ गांवों में बाढ़ का पानी पहुंचने लगेगा। जिला आपदा विभाग की मानें तो नदियों के जलस्तर में वृद्धि हो रही है। बीते 30 जून को गोंडा स्थित एलगिन ब्रिज के पास सरयू नदी का जलस्तर 103.916 सेमी. और अयोध्या में 90.430 सेमी. दर्ज किया गया था। तब एल्गिन ब्रिज पर 104.826 व अयोध्या में 91.270 सेमी. जलस्तर पहुंच चुका था। वर्तमान में नदी का पानी खतरे के निशान से 1.46 मीटर नीचे ही रह गया है। वहीं पानी डिस्चार्ज 86 हजार 371 क्यूसेक दर्ज किया गया था।
इसके दो दिन बाद मंगलवार को जलस्तर डेढ़ सेमी. के करीब बढ़ गया और अब नदी का जलस्तर 104.826 सेमी. दर्ज किया गया है। वहीं खतरे के निशान से नदी सिर्फ 1.46 सेमी. ही नीचे रह गई है। पानी का डिस्चार्ज भी बढ़कर एक लाख 95 हजार 492 क्यूसेक हो गया है। इससे सरयू और अन्य नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी होना तय है। माना जा रहा है कि जिस तरह से नदियों में पानी का डिस्चार्ज बढ़ रहा है, उससे जलस्तर तेजी से बढ़ेगा। इसके कारण पूराबाजार मांझा क्षेत्र के गांवों में बाढ़ का खतरा अभी से मंडराने लगा है। फिलहाल अभी किसी गांव में पानी नहीं पहुंचा है, लेकिन ग्रामीण उफनाती सरयू को देख कर घबराने लगे हैं।
अपर जिला अधिकारी वित्त एवं राजस्व कार्यालय के कंट्रोल रूम प्रभारी दीप सिंह का कहना है कि फिलहाल बाढ़ का अभी कोई खतरा नहीं है। उन्होंने बताया कि अगस्त के प्रारम्भ तक जलस्तर में यही बढ़ोतरी रही तो बाढ़ की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि कंट्रोल रूम से प्रभावित होने वाले इलाकों की निगरानी शुरू कर दी गई है। अयोध्या में सरयू का खतरे का निशान 92.730 सेमी है।
24 घंटे में जल स्तर में दर्ज की गई 13 सेमी. की वृद्धि
केंद्रीय जल आयोग द्वारा सरयू के जलस्तर में पिछले चौबीस घंटे में सिर्फ 13 सेमी. की वृद्धि दर्ज की गई है, जिसके चलते अयोध्या बिल्हरघाट बंधे का क्षेत्र संवेदनशील हो गया है। ब्ठोकर नम्बर-एक पर नदी के बहाव का दबाव बना हुआ है जिस कारण ठोकर के नोज पर लगा बोल्डर पिचिंग लगातार बैठ रहा है। वहीं नदी का कृषि योग्य भूमि पर कटान शुरू होने की भी पूरी संभावना है। इसी को लेकर आसपास के गांवों के लोग बाढ़ के संभावित खतरे को लेकर बेचैन हैं।
गत वर्ष तीन तहसीलों में फसलें हुई थीं बर्बाद
गत वर्ष के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो तीन तहसीलों सदर, सोहावल और रुदौली को मिला कर कुल 1.72 लाख रुपये से अधिक की फसलें बाढ़ की चपेट में आकर बर्बाद हो गई थीं। इसके अलावा करीब 1407. 885 हेक्टेयर खेती की भूमि प्रभावित हुई थी। इसके अलावा तीनों गांवों की करीब 11351 आबादी बाढ़ की चपेट में दो महीने तक प्रभावित हुई थी। आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार बाढ़ के कारण लगभग 2776 पशु प्रभावित हुए थे। गत वर्ष सदर के दस, सोहावल का एक और रुदौली तहसील के सात गांव बाढ़ की चपेट में आए थे।
बीते 9 दिनों का सरयू का अयोध्या में जलस्तर
26 जून 89.000 सेमी.
27 जून 89.610
28 जून 90.570
29 जून 90.750
1 जुलाई 90.310
2 जुलाई 90.210
3 जुलाई 90.950
4 जुलाई 91.270
5 जुलाई - 91.150