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1996 से डटे हुए दुनिया के सबसे बड़े धरने के 10 हजार दिन पूरे
मुज़फ़्फरनगर। शामली की हजारों बीघा कृषि योग्य सार्वजनिक भूमि अवैध कब्जा मुक्त कराने को आंदोलनरत गांधीवादी मास्टर विजय सिंह के धरने को 10 हजार दिन पूरे हो गए। 1996 से विजय सिंह ने परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए वाइट हाउस के सामने धरना देने वाले विलियम थॉमस का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। विलियम थॉमस ने 9927 दिन तक धरना दिया था। जबकि 16 साल की सबसे लंबी भूख हड़ताल का रिकॉर्ड इरोम शर्मिला के नाम है। ढाई दशक से अधिक समय से धरना दे रहे मास्टर विजय सिंह का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड सहित विभिन्न दस्तावेजों में दर्ज हो चुका है।
सैंकड़ो करोड़ की सरकारी भूमि पर भू माफिया का कब्जा!
शामली की ऊन तहसील के गांव चौसाना की 700 करोड़ करोड़ की कीमत वाली करीब 4 हजार बीघा सार्वजनिक कृषि योग्य भूमि पर भू-माफिया का अवैध कब्जा है। 26 फरवरी, 1996 को चौसाना के मास्टर विजय सिंह ने अवैध कब्जा हटवाने की मांग करते हुए मुजफ्फरनगर डीएम कार्यालय के सामने धरना शुरू किया था। धरना शुरू हुए के 10 हजार दिन पूरा होने के बावजूद कोई भी सरकार जनहित में मास्टर विजय सिंह को न्याय नहीं दिला सकी। आंदोलनों के इतिहास में मास्टर विजय सिंह लंबे धरने के लिए पहले व्यक्ति बन गए
कई जांच रिपोर्ट पर भी नहीं हुई कार्रवाई
कई जांच हो चुकी है रिपोर्ट में आरोप साबित हो चुके हैं परंतु शासन प्रशासन ने भूमि घोटाले की न तो समीक्षा की तथा न ही भूमाफिया पर पूर्ण कार्रवाई की। 8 अप्रैल, 2019 को मुख्यमंत्री योगी की शामली में हुई चुनावी सभा में भी विजय सिंह ने प्रदर्शन किया था। इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने जिलाधिकारी शामली को जांच कराने के आदेश दिए थे। तत्कालीन एसडीएम ऊन सुरेंद्र सिंह ने जांच कर जिलाधिकारी रिपोर्ट दी थी। इसमें सैकड़ों करोड़ की हजारों बीघा सार्वजनिक कृषि भूमि पर पूर्व विधायक का अवैध कब्जा साबित हुआ था। रिपोर्ट में ठा.जगत सिंह को भू-माफिया घोषित करने की संस्तुति भी की गई थी। इसके बाद जिलाधिकारी ने मौके पर पहुंचकर भौतिक सत्यापन कर कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेज दी थी . ठाकुर आरोपी सत्ताधारी दल में आ गए फलस्वरूप राजनीतिक हस्तक्षेप व भ्रष्टाचार के कारण के कारण कोई कार्यवाही नहीं हो पाई। गौरतलब है भूमि घोटाले के आरोपी प्रदेश में जिस पार्टी के सत्ता आती है उसी पार्टी में चले आते हैं फल स्वरुप कोई कार्रवाई नहीं होती!
कई रिकॉर्ड में दर्ज हुआ दुनिया का सबसे लंबा धरना
सार्वजनिक कृषि भूमि कब्जा मुक्त कराने की मांग के लिए विजय सिंह 27 साल से लगातार धरना दे रहे हैं। उनका धरना लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, वर्ल्ड रिकॉर्ड इंडिया और मीरा सेल्स ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हो चुका है। गूगल सर्च में भी मास्टर विजय सिंह का धरना विश्व का सबसे लंबा धरना आता है।
अमेरिकी विलियम थॉमस से आगे निकले मास्टर विजय सिंह
अहिंसात्मक धरने के 10 हजार दिन पूरे कर विजय सिंह अमेरिका आंदोलनकारी विलियम थॉमस से आगे निकल गए। विलियम थॉमस ने परमाणु निरस्त्रीकरण की मांग करते हुए अमेरिका में व्हाइट हाउस के सामने 3 जून 1981 से 23 जनवरी 2009 तक धरना दिया था। उनका धरना 9927 दिन तक चला उनकी मौत हो गई थी। इसके अलावा मणिपुर की इरोम शर्मिला ने भी राज्य में लागू आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट के खिलाफ 16 साल तक दुनिया की सबसे लंबी भूख हड़ताल की थी जो समाप्त हो गई है.
लखनऊ व दिल्ली राजघाट तक पदयात्रा
घोटाले में कार्यवाही न होने व जन जागरण हेतु विजय सिंह ने दिनांक 30 मार्च 2012 को मुजफ्फरनगर से लखनऊ तक मा. मुख्यमंत्री निवास तक 19 दिन में 600 कि0मी0 की पैदल यात्रा की तथा इसके उपरांत गांधी जयंती पर 2019 में मुजफ्फरनगर से दिल्ली राजघाट तक पदयात्रा की .
सभी जांच में आरोप साबित, आंशिक कार्यवाही
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात कर सरकारी भूमि से अवैध कब्जा हटाने की मांग की जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री ने उच्च जांच समिति का गठन का शासनादेश जारी हुआ था आरोपी सपा में आ गए फिर कोई कार्यवाही नहीं हुई. बसपा सरकार के दौरान सन 2008 मैं प्रमुख गृह सचिव ने कार्रवाई का आदेश दिया था. जिला प्रशासन ने 300 बीघा भूमि अवैध कब्जा मुक्त कराई थी. बाद में राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते कोई कार्रवाई नहीं हुई. इससे पूर्व घोटाले की जांच जिलाधिकारी.अपर जिलाधिकारी.एसडीएम व 1995 में कमिश्नर व आईजी सीबीसीआईडी जांच भी हो चुकी है सभी जांच रिपोर्ट में आरोप साबित है , दंडात्मक कार्यवाही नहीं हुई 28 साल से गांधीवादी सत्याग्रह जारी है.
न्याय के बदले उत्पीड़न मिला.
2019 में मुख्यमंत्री योगी का शामली की सभा में जांच व कार्यवाही का वादा पूरा न होने पर विजय सिंह ने कई बार लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास जाकर योगी से मुलाकात का समय मांगा, मगर मिल नहीं पाए। उल्टा विजय सिंह को लखनऊ के एलआईयू इंस्पेक्टर अश्वनी सिंह के इशारे पर लखनऊ पुलिस द्वारा हजरतगंज थाने में 5 घंटे तक अवैध हिरासत में भी रखा गया था। इससे पूर्व उनके व परिवार पर जानलेवा हमले हुए उनका घर जलाया गया। उनके साथी धीरसिंह को फांसी देकर मार दिया गया। 18 सितम्बर, 2019 को जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जें ने राजनीतिक दबाव में मास्टर के धरने को समाप्त करने के लिए दबाव बनाया तथा बुरा भला कहा और उनके खिलाफ कचहरी में अंडरवियर सुखाने का बेहुद्दा मुकदमा भी दर्ज किया गया जो तथ्यहीन होने के कारण पुलिस ने निरस्त कर दिया था उन पर एक आत्महत्या का भी केस लगाया गया जो न्यायालय ने बरी कर दिया था। इन सबके बाद भी उन्होंने अपना गांधीवादी सत्याग्रह जारी रखा।
किसान नेता राकेश टिकैत ने किया समर्थन
किसान नेता राकेश टिकैत ने ट्वीट जारी करके अपने अंदाज में इस धरने का समर्थन किया है। राकेश टिकैत ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करके लिखा है कि इन 10 हजार दिनों में यूपी ने 9 CM और मुजफ्फरनगर ने 32 DM देखे लेकिन मास्टर विजय सिंह का इंसाफ के लिए विश्व रिकॉर्ड तोड़ संघर्ष अन्न व्रत जारी है। मुजफ्फरनगर आंदोलन की धरती है। BKU ऐसे हर संघर्ष का पुरजोर समर्थन करती है। अपने ट्वीट के साथ राकेश टिकैत ने धरना स्थल पर धरने के पोस्टर के साथ खड़े हुए मास्टर विजय सिंह का फोटो भी टैग किया है।