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उत्तर प्रदेश
बालिका के अपहरण और दुराचार में दोषी को 10 साल का सश्रम कारावास
Admin4
5 Jan 2023 6:21 PM GMT

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चित्रकूट। अनुसूचित जाति की बालिका को बहला-फुसलाकर ले जाने और दुराचार करने के मामले में न्यायालय ने दोषी को 10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही आपराधिक कृत्य में सहयोग करने पर दोषी के पिता और दो भाइयों को भी दंडित किया है।
सहायक अभियोजन अधिकारी जगतपाल यादव ने बताया कि कर्वी कोतवाली अंतर्गत एक गांव के अनुसूचित जाति के एक व्यक्ति ने 28 सितंबर 2010 में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी 12 वर्षीया पुत्री 23 सितंबर की शाम खेत में छोटी बहन के साथ चारा काटने गई थी। वहां से राजा पटेल परिजनों के सहयोग से बहला-फुसलाकर उसका अपहरण कर ले गया। आरोपियों ने इस संबंध में पूछने पर गाली-गलौज व धमकी दी। गांव के लोगों ने जानकारी दी थी कि राजा उसकी पुत्री को सूरत में छोड़ आया था। लगातार प्रयास करने पर भी पुत्री का पता नहीं चल रहा था। बाद में पुलिस ने बालिका को ढूंढ निकाला था और रिपोर्ट दर्ज करने के बाद न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था। साथ ही पीड़िता के बयान दर्ज कराकर चिकित्सीय परीक्षण भी कराया था।
एससी-एसटी एक्ट कोर्ट के स्पेशल जज दीपनारायण तिवारी ने इस मामले में गुरुवार को दोषसिद्ध होने पर राजा पटेल को 10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई। साथ ही अर्थदंड दिया। न्यायालय ने इस मामले में राजा पटेल के भाई लक्ष्मण, हेमराज व पिता रामलाल को भी तीन-तीन वर्ष कारावास और आठ-आठ हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड की राशि से 20 हजार रुपये पीड़िता को प्रतिकर के रूप में देने के आदेश दिए गए हैं।

Admin4
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