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ग़ज़िआबाद। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से एक भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। जहां पर मेरठ की एंटी करप्शन यूनिट ने जिले में ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के जेई सुभाष चंद्र शर्मा को 1 लाख रुपए की रिश्वत (Bribe) लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। 17 लाख रुपए का बिल पास करने की एवज में ठेकेदार से ये रिश्वत ली गई थी। एंटी करप्शन इंस्पेक्टर की ओर से थाना कविनगर में आरोपी जेई के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराया गया है।
बता दें कि मेरठ के मोदीपुरम निवासी राहुल गुप्ता ठेकेदार है और श्री गणेश सीमेंट एजेंसी नाम से उनकी फर्म है। इस फर्म को गाजियाबाद में ग्रामीण अभियंत्रण विभाग से मुख्यमंत्री आर्थिक विकास योजना के तहत नाली खड़ंजे और सड़क बनाने के ठेके मिले हुए हैं।
राहुल गुप्ता के अनुसार, मुरादनगर क्षेत्र में उन्होंने अप्रैल महीने में काम पूरा किया। DM के द्वारा गठित गुणवत्ता कमेटी ने इस काम की दो बार ओके रिपोर्ट भी दी। इसके बावजूद उनका 17 लाख रुपए का एक बिल पास नहीं किया जा रहा था। ठेकेदार के मुताबिक, जेई सुभाष चंद्र शर्मा ने इस बिल को पास कराने की एवज में उनसे 3 लाख रुपए रिश्वत मांगी, लेकिन एक लाख रुपए पर बात बन गई। जेई ने गुरुवार को रिश्वत के लिए ठेकेदार को गाजियाबाद बुलाया था।
मिली जानकारी के अनुसार गाजियाबाद में विकास भवन के सामने जेई सुभाष चंद्र शर्मा ने ठेकेदार राहुल को एक लाख रुपए रिश्वत लेकर बुलाया था। इधर, राहुल ने पहले ही एंटी करप्शन टीम को सूचित कर दिया था। पहले से बनाए गए जाल के मुताबिक, राहुल ने जैसे ही जेई को रकम थमाई, वैसे ही एंटी करप्शन यूनिट ने जेई को रिश्वत लेते रंगे हाथो धर दबोचा। टीम आरोपी जेई को कविनगर थाने में ले गई है। यहां उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।
कंस्ट्रक्शन वेलफेयर एसोसिएशन से जुड़े संदीप चौधरी के अनुसार जहां सरकार भ्रष्टाचार पर नियंत्रण और लगाम जैसी बात कर रही है, वहीं अधिकारी सरकार की तमाम कवायतों को पलीता लगाते हुए नजर आ रहे हैं। अधिकारी भ्रष्टाचार में मंत्री का हिस्सा बताते हुए भी नजर आ रहे हैं। फिलहाल इस मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।
Admin4
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