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लोक अदालत में 03 लाख 26 हजार 908 मामलों का किया निस्तारण
मुजफ्फरनगर: जनपद न्यायालय मुजफ्फरनगर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। लोक अदालत का शुभारंभ जनपद न्यायाधीश व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मुजफ्फरनगर चवन प्रकाश द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
जनपद न्यायाधीश द्वारा अपने सम्बोधन में राष्ट्रीय लोक अदालत की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा गया कि लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य वादकारियों को सरल, सुलभ एवं त्वरित न्याय प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि वादकारी आपसी समझौते के आधार पर वाद का निस्तारण करते हैं, तो उनके मध्य आपसी सौहार्द बना रहता है एवं उनके अमूल्य समय की बचत भी होती है।
लोक अदालत के नोडल अधिकारी अपर जिला जज शक्ति सिंह द्वारा अपने सम्बोधन में कहा गया कि "न्याय सबके लिए" की परिकल्पना को चरितार्थ करने के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि लोक अदालत विवादों को समझौते के माध्यम से निपटाने का एक महत्वपूर्ण मंच है तथा त्वरित न्याय प्राप्त करने का एक अत्यन्त महत्वपूर्ण साधन है।
उनके द्वारा यह भी बताया गया कि इस बार लोक अदालत को सफल बनाने के लिए जनपद मुजफ्फरनगर में लाखों लोगों की आबादी से संवाद कायम किया गया एवं उन्हें लोक अदालत के माध्यम से होने वाले लाभों के बारे में जागरूक किया गया। बताया गया कि बड़ी संख्या में लोक अदालत में वर्षों पुराने मामले निस्तारित किये गये हैं, जिसमें तमाम प्रकरण 10 वर्ष से अधिक पुराने थे।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मुजफ्फरनगर के सचिव अनिल कुमार द्वारा बताया गया कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 03 लाख 26 हजार 908 मामलों का निस्तारण किया गया।
इस दौरान पीठासीन अधिकारी मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण, मलखान सिंह द्वारा कुल 118 मामलों का निस्तारण कर 07 करोड़ 41 लाख 57 हजार रुपये की धनराशि प्रतिकर के रूप में दिलाई गयी। प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय, मुजफ्फरनगर सत्यानन्द उपाध्याय की अध्यक्षता में सभी पारिवारिक न्यायालयों द्वारा 152 प्रकरण निस्तारित किये गये। परिवार न्यायालय से 06 जोड़ों को एक साथ रहने के लिए विदा किया गया।
जिला अधिकारी मुजफ्फरनगर अरविन्द मलप्पा बंगारी के नेतृत्व में राजस्व अधिकारियों द्वारा 19315 प्रकरणों का निस्तारण किया गया। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न बैंकों, भारत संचार निगम लिमिटेड आदि के द्वारा सक्रिय सहभागिता की गयी। भारत संचार निगम लिमिटेड के द्वारा 28 मामलों का समझौते के आधार पर निस्तारण किया गया तथा बैंको के द्वारा 1213 बैंक ऋण मामले निस्तारण कराकर लगभग 16 करोड़ 77 लाख 54 हजार रूपये की धनराशि का सेटलमेंट किया गया।
शनिवार को आयोजित हुई लोक अदालत में कई सामाजिक कार्य भी सम्पादित किये गये तथा दिव्यांगजनों को बैसाखी एवं वृद्धाश्रम में निवास कर रहे वृद्धजनों को उनका जीवन आसान करने वाले उपकरण बी.पी. मशीन आदि वितरित की गयी। आने वाले समस्त वादकारियों के स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था भी लोक अदालत में की गयी।
इस अवसर पर अपर जनपद न्यायाधीश जय सिंह पुण्डीर, रजनीश कुमार, गोपाल उपाध्याय, बाबूराम, कमलापति, अपर जनपद न्यायाधीश एवं नोडल अधिकारी, लोक अदालत शक्ति सिंह, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अनिल कुमार, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मनोज कुमार, भारतीय स्टेट बैंक के आरएम दिगविजय शर्मा, डिस्ट्रिक्ट बार के अध्यक्ष अनिल जिन्दल एवं महासचिव जितेन्द्र तोमर, सिविल बार के अध्यक्ष अनिल दीक्षित एवं महासचिव ब्रिजेन्द्र कुमार सहित समस्त न्यायिक अधिकारी एवं समस्त बैंको के अधिकारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय लोक अदालत के नोडल अधिकारी शक्ति सिंह द्वारा किया गया तथा सभी अधिकारियों का उनके लोक अदालत में योगदान के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया गया।