उत्तर प्रदेश

संयुक्त किसान मोर्चा का केंद्र के खिलाफ 75 घंटे का प्रदर्शन जारी, टिकैत ने रखीं ये मांगें...

Shantanu Roy
18 Aug 2022 10:11 AM GMT
संयुक्त किसान मोर्चा का केंद्र के खिलाफ 75 घंटे का प्रदर्शन जारी, टिकैत ने रखीं ये मांगें...
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लखीमपुर। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा का 75 घंटे तक चलने वाला धरने को शुरु कर दिया है। इस दौरान आसपास भारी पुलिसबल तैनात कर दिया गया है। धरनास्थल पर कमिश्नर और आईजी रेंज ने प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में रूट मार्च किया। यह धरना प्रदर्शन उन्होंने तिकुनिया हिंसा कांड में जेल में बंद किसानों की रिहाई की मांग को लेकर किया जा रहा है।
वहीं, भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव समेत कई किसान नेता धरनास्थल पर पहुंच चुके हैं। राकेश टिकैत ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मांग की है कि तिकुनियां कांड में चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या के मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए। संयुक्त किसान मोर्चा के धरने में पहुंचे भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार के समक्ष निम्न मांगें रखी हैं।
केंद्र सरकार के समक्ष निम्न मांगें रखी
* लखीमपुर खीरी जिला के तिकुनियां में चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या करने की साजिश रचने के मामले में उप गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टैनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए और गिरफ्तार करके जेल भेजा जाए।
* लखीमपुर खीरी हत्याकांड में 'निर्दोष होते हुए भी' जेल में बंद किसानों को तुरन्त रिहा किया जाए और उनके ऊपर मढ़े केस तुरन्त वापस लिए जाएं।
* सभी फसलों के ऊपर स्वामीनाथन कमीशन के द्वारा सी-2 +50%के फार्मूला से एमएसपी की गारंटी और सभी फसलों की बिकवाली एमएसपी के ऊपर होने की गारंटी करने वाला कानून केंद्र सरकार द्वारा बनाया जाए।
* किसान आन्दोलन के दौरान केन्द्र शासित प्रदेशों व अन्य राज्यों में जो केस किसानों के ऊपर लाद दिए गए थे वो तुरंत वापस लिए जाएं।
* बिजली बिल 2022 वापस लिया जाए।
* भारत के सभी किसानों के सर पर चढ़े कर्ज को एक बार लकीर मार के एकमुश्त कर्ज मुक्त किया जाए।
* उत्तर प्रदेश की खंड मिलों की तरफ जो किसानों की बकाया राशि है वो तुरंत जारी की जाए।
* वर्षों से जंगल को आबाद कर देश के विभिन्न प्रांतों से लखीमपुर एवं अन्य जनपदों से आकर बसे किसानों को ज़मीन से बेदख़ल करने के नोटिस देने बंद किए जाएं।
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