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उत्तर प्रदेश
बाराबंकी : पशुओं के आतंक से त्रस्त किसानों ने काट ली अपनी हरी-भरी फसल
Rani Sahu
22 Aug 2022 12:29 PM GMT
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बेसहारा जानवरों के आतंक से परेशान जिले के कई किसानों ने अपनी हरी-भरी फसल फूल आने से पहले ही काट डाली
रामसनेहीघाट/ बाराबंकी। बेसहारा जानवरों के आतंक से परेशान जिले के कई किसानों ने अपनी हरी-भरी फसल फूल आने से पहले ही काट डाली। हालांकि इससे जिला प्रशासन की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ा। तहसीलदार अब जांच की बात कह रहे हैं। यह स्थिति बरकरार रही तो सूखे की मार झेल रहे जिले में धान की पैदावार में भारी गिरावट आने की आशंका है।
बेसहारा जानवर खेतों को नुकसान न पहुंचा सकें इसके लिए राज्य सरकार ने जिले में जगह-जगह आश्रय स्थल खुलवा रखे हैं। जहां पशुओं को रखने के लिए सिर्फ खानापूरी की जा रही है। मुख्यमंत्री की इस महत्वाकांक्षी योजना को साकार करने के लिए जिले के अधिकारियों ने कोई रुचि ही नहीं ली। नतीजा सामने है। किसान अपनी फसल घर नहीं ले जा पा रहे हैं। तो सड़कों पर टहल रहे हजारों पशु आम जनजीवन के लिए भी खतरा बने हुए हैं। यह स्थिति सिर्फ रामसनेहीघाट तहसील में हो ऐसा नहीं है। जिला मुख्यालय से लेकर सभी तहसील ब्लाक गांव में ऐसा ही नजारा है। बेसहारा पशुओं को गो आश्रय स्थल तक पहुंचाने के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं है।
रामसनेहीघाट तहसील के बनीकोडर ब्लाक अंतर्गतमहमूदपुर गांव में करीब आधा दर्जन से अधिक किसान हरी-भरी धान की फसल समय से पूर्व कटाई कर डाली। अन्य क्षेत्रों में भी किसान समय से पूर्व ही फसल की कटाई कर रहे हैं। समय से पूर्व अपने खेतों में लगी फसल की कटाई कर रहे किसान सालिकराम का कहना है कि 37 सौ रूपये लागत से 4 बीघा धान फसल निराई कर तैयार की थी। लेकिन एक दिन खेत पहुंचने में देरी हो गई। जिससे हरी-भरी फसल को इन मवेशियों के झुंड ने जगह-जगह खाकर खत्म कर दिया। खेत में मात्र धान डंठल शेष रह गए। किसान रामफेर गौतम का कहना है कि लोहे के कटीले तारों से बैरकटिंग करने साथ 24 घंटा फसल की चौकीदारी करने बाद नहीं बच पाई। दो हजार रूपये लागत से तैयार 2 बीघा धान फसल काटकर मवेशियों चारा खिला रहे है। यही बात किसान छोटेलाल गौतम ने दोहराई है।
वाजिउद्दीनपुर के अरबिंद यादव, आशाराम, नवीन कुमार का कहना है की झुंड के झुंड गाय और बैल साढ़ धान की फसल चर रहे हैं। ग्राम पंचायत या ब्लॉक के द्वारा इन जानवरों को पकड़ने नही आते हैं। कई दर्जन जानवर जरा से चूके तो खेत को साफ कर देते है। यही क्षेत्र के अन्य गांव का है। जहां किसान छुट्टा मवेशियों से परेशान हैं इनका कहना है कि फसल के दुश्मन बने अवारा मवेशी पकड़वाने के लिए रामसनेहीघाट एसडीएम से शिकायत के बाद कार्रवाई नहीं हुई। तहसीलदार ज्ञानेंद्र सिंह का कहना है कि बीडीओ को भेज कर जाँच कराई जायेगी और बेसहारा जानवरों को पकड़ कर गौशाला में रखा जायेगा।
Rani Sahu
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