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उत्तर प्रदेश
डेंगू होने पर बिल्कुल न खाएं ये दवा, नहीं तो जा सकती है जान
Tara Tandi
29 Aug 2023 8:19 AM GMT

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बरेली में सामान्य बुखार के मरीजों में मलेरिया और डेंगू की पुष्टि के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में बुखार होने पर डॉक्टर की सलाह के बगैर दवा खाना घातक हो सकता है। बुखार के मरीज को यदि डेंगू हुआ और उसने अनजाने में बदन दर्द की दवा खा ली तो यह नुकसानदायक होगा। डेंगू के केस में दर्द निवारक दवा खाने से प्लेटलेट्स तेजी से गिरती हैं। किडनी पर भी बुरा असर पड़ता है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी में दवाओं के सेवन के दुष्प्रभाव से बचाव के प्रति जागरूक किया गया है। सीएमओ डॉ. बलबीर के मुताबिक, डेंगू के मरीज को तेज बुखार के साथ शरीर के कई अंगों में तेज दर्द होता है। बावजूद इसके दर्द निवारक दवा का इस्तेमाल न करें।
मलेरिया की दवा भी डेंगू में निष्प्रभावी होती है। बुखार के मरीजों को जांच रिपोर्ट आने तक पैरासिटामॉल के सेवन का सुझाव दिया है। एस्प्रिन, डेकाड्रान, कर्टीसोन जैसी बुखार और दर्द की मिश्रित दवा का सेवन हानिकारक हो सकता है।
जिले में जून से अब तक डेंगू के 38 मरीज मिल चुके हैं। शहर के मौलानगर, सिविल लाइन, इज्जतनगर, पीर बहोड़ा, गंगापुरम, पुराना शहर, सीबी गंज, बानखाना में अब तक डेंगू के 17 केस मिले हैं। भमोरा, फतेहगंज, बिथरी चैनपुर, भोजीपुरा, शेरगढ़, बहेड़ी नवाबगंज में 21 केस मिल चुके हैं।
हवादार कमरे में मच्छरदानी लगाकर सोएं
डेंगू के मरीज अगर घर पर रहना चाहते हैं तो उन्हें हवादार जाली लगे खिड़की-दरवाजों वाले कमरे में ही रखा जाना चाहिए। मच्छरदानी भी लगानी चाहिए। कम से कम बाहर निकलना चाहिए ताकि परिवार में और लोग डेंगू संक्रमित न हों। घर के पास छायादार स्थल पर नमी न होने दें। मनी प्लांट और अन्य पौधों के गमले कमरों से बाहर रखें ताकि लार्वा पनपने की आशंका न रहे।
डेंगू से बचाव की नहीं है कोई वैक्सीन
जिला मलेरिया अधिकारी डीआर सिंह के मुताबिक, डेंगू से बचाव की कोई वैक्सीन नहीं है। एडीज मच्छर डेंगू रोग का वाहक है जो दिन में काटता है। डेंगू मरीज को काटने के बाद अगर मच्छर स्वस्थ मनुष्य को काटता है तो उसे संक्रमित कर देता है। तेज बुखार के साथ बदन, सिर, जोड़ों और आंखों के गोलों में दर्द के साथ शरीर पर लाल दाने व चकत्ते, नाक-मुंह और मसूढ़ों से खून रिसना, प्लेटलेट काउंट एक लाख से कम होना डेंगू के लक्षण हैं।
डेंगू से बचाव के सुझाव
घरों में कीटनाशक का छिड़काव करें, शरीर पर मच्छर निरोधक औषधि, नीम तेल, सरसों का तेल लगाएं।
कूलर, बाल्टी, फ्लावर पॉट, फ्रिज, ड्रिप पैन, घड़े का पानी नियमित बदलें ताकि उसमें मच्छर अंडे न दे सकें।
घर के पास जहां पानी इकट्ठा होता है, वहां मिट्टी के तेल की कुछ बूंदें या फिर जला मोबिल ऑयल डाल दें।
बुखार होने पर पास के स्वास्थ्य केंद्र पर जांच कराएं, निजी लैब की जांच रिपोर्ट की सूचना दें।
डेंगू की पुष्टि होने पर नगर स्वास्थ्य अधिकारी को सूचना दें ताकि प्रभावित क्षेत्र में कीटनाशक छिड़काव हो।
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